इलाहाबाद में फिर बदला कांग्रेसियों का रंग
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जन्मभूमि इलाहाबाद के कांग्रेसी गिरगिट से भी अधिक रंग बदल रहे हैं। कभी प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने की मांग करने वाले इलाहाबाद के कांग्रेसी अब राहुल गांधी को संग लेकर चलने की बात कर रहे हैं। यहां पर अक्सर ही
लखनऊ। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जन्मभूमि इलाहाबाद के कांग्रेसी गिरगिट से भी अधिक रंग बदल रहे हैं। कभी प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने की मांग करने वाले इलाहाबाद के कांग्रेसी अब राहुल गांधी को संग लेकर चलने की बात कर रहे हैं। यहां पर अक्सर ही पोस्टर पर गांधी परिवार को महिमा मंडित किया जाता है।
आजकल सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर एक पोस्टर लोगों को बेहद लुभा रहा है। इसमें स्लोगन लिखा है ''ललकारो भइया, इंदिरा राजीव के सपनों को अब पंख लगेंगे, राहुल प्रियंका अब संग चलेंगे। दिल्ली चलो। कल चौराहे पर लगे बैनर में लिखा गया यह स्लोगन चर्चा में रहा। बैनर को उन्हीं युवा कार्यकर्ताओं ने लगाया है जो कुछ समय पहले तक राहुल गांधी को चुका मानकर उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे।
एक साल से राहुल हटाओ, प्रियंका लाओ का नारा लगाने वाले कांग्र्रेस के युवा कार्यकर्ताओं के इस बैनर के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही इन कार्यकर्ताओं ने कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी के खिलाफ आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी थी। आए दिन पोस्टर और बैनर के माध्यम से राहुल गो और प्रियंका कम का नारा बुलंद करने वाले कांग्रेसियों का मन अचानक परिवर्तित हो गया। युवा नेता श्रीश दुबे व हसीब अहमद ने सिविल लाइंस में बैनर लगाकर अपनी बदली सोच से मीडियाकर्मियों को अवगत कराया। दिल्ली में 19 अप्रैल को होने वाली किसान रैली को लेकर युवा कांग्रेसियों के इस कदम के पीछे जानकार राहुल की अध्यक्ष बनने की सुगबुगाहट को भी कारण मान रहे हैं। उनका कहना है राहुल का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, ऐसे में इनकी प्रियंका रट का क्या होगा। यही सोचकर इन्होंने राहुल और प्रियंका को एक साथ चलने की बात कही है।