पुलिस वालों के पीछे लगा दंगे का 'भूत'
मुजफ्फरनगर (विनय शर्मा)। ऐसा लगता है कि मुजफ्फरनगर पुलिस के पीछे दंगे का 'भूत' लग गया है। पिछ
मुजफ्फरनगर (विनय शर्मा)। ऐसा लगता है कि मुजफ्फरनगर पुलिस के पीछे दंगे का 'भूत' लग गया है। पिछले साल सितंबर से 'भूत' उनके सिर पर मंडराना शुरू हुआ और अब तक आगे-पीछे है। दंगे के 'झमेले' से जान छुड़ाने के लिए कई पुलिसकर्मियों ने दूसरी जगह ट्रांसफर ले लिए। इनमें 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने सहारनपुर में पोस्टिंग मांगी थी पर वहां भी हालात खराब हो गए। अब तो 'आसमान से टपके खजूर में अटके'।
मुजफ्फरनगर में पिछले साल सात सितंबर को छेड़छाड़ की घटना के बाद तीन युवकों की हत्या हुई थी। इसके बाद पूरे जनपद में सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क गई थी। आसपास के जनपदों में भी कई घटनाएं हुई। इसके चलते काफी भागदौड़ रही, जिससे पुलिस कर्मियो की नींद हराम हो गई थी। दंगा शांत हुआ तो मुजफ्फरनगर में आतंकियों की दस्तक ने काम बढ़ा दिया। पता चला कि आतंकी सरगना दंगा पीड़ितों के राहत कैंपों में कई दिनों तक घूमता रहा। पुलिस को इसे लेकर भी खासी माथापच्ची करनी पड़ी। दंगे के बाद कुछ राहत मिलनी शुरू हुई थी। इसी बीच अचानक यहां आपराधियों ने सिर उठाना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों की मुसीबत भी बढ़नी शुरू हो गई।
ऐसे छुड़ाया था पीछा
इसी दौरान अधिकारियों ने बार्डर स्कीम लागू कर दी। इसका फायदा लेकर जनपद से करीब 600 पुलिस कर्मियों ने ट्रांसफर मांग लिए। इनमें से 210 पुलिसकर्मियों ने शांत रहने वाले पड़ोसी जिले सहारनपुर का चयन किया। पुलिस कर्मियों को उम्मीद थी कि मुजफ्फरनगर के बजाय सहारनपुर में नौकरी सुकून के साथ चलती रहेगी। न वहां सांप्रदायिक हिंसा का डर और न ही बड़े अपराधियों का पहरा।
अब पेशानी पर बल
कांवड़ यात्रा और ईद को देखते हुए ये ट्रांसफर रोक दिए गए थे। इसी बीच सहारनपुर में भी दंगे का दावानल भड़क उठा। इस बात की जानकारी होते ही उन पुलिस कर्मियों की पेशानी पर बल पड़ गए, जिन्हें सहारनपुर में जाकर ड्यूटी ज्वाइन करनी है। पुलिस कर्मियों में अब यह चर्चा आम है कि करें तो क्या करें। पुलिस लाइन में कई पुलिस वाले मजाकिया अंदाज में बोले, ये दंगे का 'भूत' तो पीछा ही नहीं छोड़ रहा है। जहां भी जाओ, हमसे पहले पहुंच जाता है। कई पुलिस वालों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शांति से नौकरी करने के लिए सहारनपुर में पोस्टिंग मांगी थी, पर वहां भी हालात मुजफ्फरनगर जैसे ही हो गए हैं।