मैनपुरी में पुत्र की तरह पौधे पालने को गांव वालों ने ली सामूहिक सौगंध
एक गांव के लोगों ने इसे मन में उतार लिया है। पौधे को पुत्र की तरह पालने की सामूहिक सौगंध खाई है। हर घर के आगे पौधा लगेगा और हर युवा ग्र्रामीण एक पौधा गोद लेगा।
मैनपुरी [विनीत मिश्र]। मत्स्यपुराण में कहा कहा गया है कि 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है। एक गांव के लोगों ने इसे मन में उतार लिया है। पौधे को पुत्र की तरह पालने की सामूहिक सौगंध खाई है। हर घर के आगे पौधा लगेगा और हर युवा ग्र्रामीण एक पौधा गोद लेगा।
पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बनेगा बेवर विकास खंड का गांव परौंखा। साढ़े पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में अपेक्षाकृत अच्छी हरियाली है, लेकिन लोग पेड़ों के कटान से व्यथित हैं। ऐसे में ग्र्रामीणों ने बैठक कर सामूहिक फैसला लिया कि पूरे गांव में 2501 नए पौधे लगाएंगे। इस संकल्प के गवाह बने खंड विकास अधिकारी गोपीनाथ पाठक, ग्राम प्रधान अनीता गुप्ता और उनके पति अनुराग गुप्ता। ग्रामीणों का मानना था कि यदि अभी पौधरोपण के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई, तो आने वाला समय कठिन होगा।
पंचायत की पहल पर महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलकर चलने की हामी भर दी। तय किया गया कि गांव के हर रास्ते पर पौधे लगाए जाएंगे। हर ग्र्रामीण को एक पौधा तुरंत गोद दे दिया जाएगा, वह इसकी परवरिश बेटे की तरह करेगा।
ग्रामीणों की पहल पर बीडीओ ने पौधों की नि:शुल्क व्यवस्था खंड विकास कार्यालय से कराने का वादा किया। शुभ काम में देरी नहीं की जानी चाहिए, इसलिए इसी सप्ताह से गांव में पौधे लगने शुरू हो जाएंगे। गांव के बुजुर्ग महाराज सिंह शाक्य, रामप्रकाश, पप्पू राठौर का कहना है कि बचपन से पेड़ों को कटते देखते आए हैं, दुख होता है। अब पौधे लगाने का सामूहिक संकल्प लिया गया है।
पौधों को देंगे प्रियजनों का नाम
ग्रामीण पौधे लगाकर उन्हें यादगार के रूप में सहेजेंगे। अपने बच्चों के जन्म दिन, शादी की तारीख, पूर्वजों के नाम पर लगाएंगे। परिजनों के नाम पर पौधों का नामकरण होगा।