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यूपी के वक्फ संपत्तियों के घोटाले की होगी सीबीआई जांच, सीएम Yogi ने की सिफारिश

अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग करने के लिए मुख्यमंत्री से सिफारिश कर दी है। दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 16 Jun 2017 12:11 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 04:21 PM (IST)
यूपी के वक्फ संपत्तियों के घोटाले की होगी सीबीआई जांच, सीएम Yogi ने की सिफारिश
यूपी के वक्फ संपत्तियों के घोटाले की होगी सीबीआई जांच, सीएम Yogi ने की सिफारिश

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड भंग होने के साथ ही इनमें घोटाले की सीबीआई जांच भी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। 

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अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग करने के लिए मुख्यमंत्री से सिफारिश कर दी है। दोनों बोर्ड पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। यहां तक कि सेंट्रल वक्फ कौंसिल ने भी सरकार से दोनों बोर्ड को तत्काल भंग किए जाने की अपेक्षा की है। 

चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कल बताया कि दोनों बोर्ड के नामित सदस्य हटा दिए गए हैं। दोनों बोर्ड पर घोटालों के गंभीर आरोप हैं। मंत्री ने यह माना है कि प्राथमिक जांच में बोर्ड के घोटाले सिद्ध हो रहे हैं। कल शाम मुख्यमंत्री गोरखपुर और बिहार की यात्रा से वापस लौट आए। माना जा रहा है कि दोनों बोर्ड भंग किए जाने का जल्द ही आदेश जारी हो जाएगा। 

ध्यान रहे कि सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य एजाज रिजवी ने अप्रैल में शिया वक्फ बोर्ड के भ्रष्टाचार पर 36 पेज और सुन्नी बोर्ड के भ्रष्टाचार पर 41 पेज की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में यह कहा गया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की एक लाख 50 हजार संपत्तियां थीं जो घटकर एक लाख 30 हजार हो गईं। मगर निरीक्षण में सिर्फ 32 हजार पायी गईं। बाकी सब पर अवैध रूप से कब्जा हो गया। 

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 12 वर्ष से संपत्तियों का सर्वे नहीं कराया। सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने चार वर्ष में 90 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है जबकि उन्हें कोई मासिक वेतन भी नहीं मिलता है। ऐसे ही शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी पर मुंबई का इमामबाड़ा बेचने से लेकर वक्फ संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने का आरोप था। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि शिया वक्फ बोर्ड की प्रदेश में आठ हजार संपत्तियां थी जो घटकर तीन हजार हो गईं।

 

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पांच हजार संपत्तियों पर अवैध कब्जा करा दिया गया और मोटी उगाही की गई। सेंट्रल वक्फ कौंसिल के सदस्य ने सुझाव दिया था कि वक्फ संपत्तियों पर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी करे और आयोग गठित कर पूरे मामले की जांच कराए। नियमों के विपरीत मुतवल्लियों की नियुक्ति रद्द की जाए और पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराई जाए। इस संस्तुति पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। 

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होगी सीबीआई जांच

प्रदेश के वक्फ राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच में दोनों ही बोर्ड में सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल राज्य के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों में हुए कथित घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की। मुख्यमंत्री ने शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्तियों के करोड़ों रुपये के घोटाला मामलों की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है।

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वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच में दोनों ही बोर्ड में सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से खरीदे और बेचे जाने की तमाम शिकायतों की जांच में आरोपों को सही पाया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इस मामले की जांच सीबीआई या अन्य किसी भी संस्था से कराई जा सकती है। 

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खास बातें

इन दोनों वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्तियों की बंदरबांट के गंभीर आरोप लगे हैं। वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच में भी विभिन्न अनियमितताएं पाई गई थीं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोनों वक्फ बोर्ड भंग करने की मंजूरी दे दी है। शिया वक्फ बोर्ड पर लगे आरोपों की जांच में बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष वसीम रिजवी की भूमिका संदिग्ध मानी गई थी। साथ ही इसके छींटे पूर्ववर्ती सरकार में वक्फ मंत्री रहे आजम खां पर भी पड़ी थीं। 

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