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गोमती की स्वच्छता के लिए समाज भी निभाए जिम्मेदारी : CM योगी आदित्यनाथ

केजीएमयू में मां शारदालय मंदिर का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया लोकार्पण। रूद्राक्ष का पौधा भी रोपित किया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 10:26 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 05:39 PM (IST)
गोमती की स्वच्छता के लिए समाज भी निभाए जिम्मेदारी : CM योगी आदित्यनाथ
गोमती की स्वच्छता के लिए समाज भी निभाए जिम्मेदारी : CM योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, जेएनएन। गंगा काफी हद तक प्रदूषण मुक्त हो गई। इसका जल अब स्नान ही नहीं बल्कि आचमन लायक हो गया है। वहीं गोमती को भी स्वच्छ बनाया जाएगा। इसके लिए जनमानस को भी सहयोग करना होगा।केजीएमयू में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'मां शारदालय' मंदिर का लोकार्पण किया।

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उन्होंने कहा कि मंदिर में स्थापित मां शारदे व भगवान धन्वंतरि छात्र-छात्राओं को प्रेरणा प्रदान करेंगे। वह 108 वर्ष से बसंतपंचमी पर्व पर हो रहा सरस्वती पूजन भी विधि विधान से कर सकेंगे। उन्हें बाद में गोमती में मूर्ति विसर्जन नहीं करना होगा। इससे नदी भी सुरक्षित रहेगी। यह एक नदी को प्रदूषण से बचाने की भी पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर्यावरण व जल संरक्षण को लेकर चिंतित है। नमामि गंगे के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम हुआ। अब गंगा के जल आचमन लायक हो गया है। 

गंगा में प्रदूषण का कानुपर, गोमती का लखनऊ प्वाइंट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा प्रदूषण का सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। यहां हर रोज 140 एमएलडी सीवर गंगा में गिरता था। अंगे्रजों ने नाला बनाकर गंगा में डाल दिया। ऐसे में गंगा प्रदूषित ही नहीं जहरीली हो गई थी। जलीय जीव जंतु नष्ट हो गए थे। एनडीआरएफ की टीम ट्रेनिंग के वक्त त्वचा रोग का शिकार हो जाती थी। वहीं अब नाला एसटीपी में जा रहा है। शोधन वाला पानी अन्य कामों में प्रयोग किया जा रहा है। अब गंगा में मछली, डाल्फिन भी देखी जा सकती हैं। औद्योगिक इकाइयों को एनओसी के मुताबिक ही चलने के निर्देश हैं। ऐसे में गंगा में काफी सुधार हुआ है। गोमती भी स्वच्छ होगी। इसका क्रिटिकल प्वाइंट लखनऊ है। सरकार प्रयास करेगी ही, जनमानस में भी उसे स्वच्छ बनाने में सहयोग करें।

पानी की कीमत चुका रहा समाज

मुख्यमंत्री ने कहा कि घर से बारिश का पानी बहकर बर्बाद हो रहा है। भूजल संचयन के प्रति सभी सजग रहें। पूर्व में पानी का दुरुपयोग काफी हुआ। कई क्षेत्रों में समाज को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जहां मुख्यमंत्री ने की, वहीं मुख्य अतिथि पद्म विभूषण डॉ. वीरेंद्र हेग्गडे, विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा संदीप सिंह, कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट मौजूद रहे।

नशा ने पंजाब की तरक्की पर लगाया प्रश्न चिन्ह

मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि केजीएमयू में मंदिर से आस्था तो बढ़ेगी, साथ ही कुरीतियों से भी बचाव होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्नति के शिखर पर पहुंचना ही उपलब्धि नहीं है, संस्कार का विकास होना भी जरूरी है। गोवा के बाद पंजाब में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक रही। यहां काफी विकास किया। मगर, नशा की प्रवृत्ति ने वहां के विकास पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया।


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