मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- देश में कॉमन सिविल कोड होना चाहिए
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 91वीं जयंती पर आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके जीवन पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया।
लखनऊ (जेएनएन)।
'देश के लोग जब एक ज्वलंत समस्या पर मुंह बंद किए हैं तो मुझे महाभारत की सभा याद आती है, जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था। तब द्रोपदी ने भरी सभा से पूछा था कि आखिर इस घटना का दोषी कौन है। कोई बोल नहीं पाया सिर्फ विदुर जवाब दे पाए- तिहाई दोषी अपराधी हैं, तिहाई दोषी उसके सहयोगी हैं और तिहाई दोषी मौन रहने वाले हैं। तीन तलाक देश की सबसे बड़ी समस्या है और इस देश का राजनीतिक क्षितिज मौन बना है। - योगी आदित्यनाथ -मुख्यमंत्री, उप्र
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तीन तलाक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो टूक के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़े तेवर दिखाए। तीन तलाक को चीरहरण जैसा बताते हुए उन्होंने इस पर मौन रहने वालों को अपराधी करार दिया। योगी ने कहा कि इस देश में कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू होना चाहिए।
सोमवार को योगी विधानसभा के सेंट्रल हाल में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 91वीं जयंती पर 'राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर, संसद में दो टूक पुस्तक के लोकार्पण के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा, कॉमन सिविल कोड के बारे में चंद्रशेखर की धारणा बहुत स्पष्ट थी और उन्होंने बहुत बेबाकी से कहा था कि जब देश एक है, फौजदारी के कानून एक हैं तो शादी-ब्याह के कानून एक क्यों नहीं हो सकते। चंद्रशेखर के साथ जुड़े संस्मरण और अपने निजी अनुभवों को सुनाते हुए मुख्यमंत्री ने कई ज्वलंत सवाल उठाए। कहा, तीन तलाक महिलाओं के अधिकार पर हमला है। इस पर चुप रहने वालों को समाज कभी माफ नहीं करेगा।
सही मायने में समाजवादी थे चंद्रशेखर : योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर सही मायने में समाजवादी विचारधारा को मानने वाले थे। उन्होंने कोई भी काम वोट के लिए नहीं किया। कश्मीर, पंजाब, श्रीलंका और नेपाल की समस्या पर भी उन्होंने मौलिक विचार दिए। चंद्रशेखर संसद में अकेले होते थे लेकिन, कई विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते थे। भाजपा द्वारा चलाए गए स्वदेशी अभियान को भी उन्होंने समर्थन दिया था। लोगों को यह भ्रम होता है कि चंद्रशेखर जी नास्तिक थे लेकिन, उन्होंने स्वयं महंत अवेद्यनाथ से कहा था कि वे नास्तिक नहीं हैं और भोड़सी आश्रम के मंदिर दिखाए थे। मुख्यमंत्री ने मीडिया को सकारात्मक भूमिका निर्वाह करने की सलाह दी।
सभा की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि चंद्रशेखर जमीन से जुड़े नेता थे और संविधान तथा लोकतंत्र के विरुद्ध कोई भी बात स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। यह पुस्तक उनकी वैचारिक काया है और इसके जरिये चंद्रशेखर के भीतर प्रवेश कर सकते हैं। विधायक रघुराज प्रताप सिंह, कार्यक्रम के आयोजक और पुस्तक के संपादक एमएलसी यशवंत सिंह ने चंद्रशेखर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने संपादक यशवंत सिंह और लेखक धीरेंद्र श्रीवास्तव के कार्यों की प्रशंसा की।
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उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी में कड़वा बोलने का साहस था। वह सभी बातों को बड़ी ही बेबाकी से कहते थे। चंद्रशेखर जी ने ही हमेशा कहा था कि कश्मीर का अगर एक टुकड़ा गया तो देश की एकता चली जाएगी।
चंद्रशेखर जी ने कांग्रेस के खिलाफ भी आवाज उठाई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था। चंद्रशेखर जी ने वोट बैंक की राजनीति कभी नही की। चंद्रशेखर जी ने कभी समाजवाद को कभी जातिवाद और गुंडा राज का अखाड़ा नही बनने दिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा चंद्रशेखर राष्ट्र की समस्याओं के लिए समर्पित थे। चन्द्रशेखर जी में बात समझने की अद्भुत क्षमता थी। उनके भाषण में सत्य होता था। संसद में उनके भाषण को सुनते थे। उन्होंने कहा कि विचारधारा कोई भी हो, लक्ष्य लोक कल्याण हो वैचारिक क्रांति के बिना कोई क्रांति संभव नहीं। जिसने जन्म लिया है, उसका मरना तय है, मनुष्य का जन्म और मरण एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कहा कि इस समय देश ज्वलंत मुद्दों पर भी लोगों का मुह बंद है। ट्रिपल तलाक के मामले में लोग मौन है। इस देश के अंदर सिविल कोड बनाने की बात चंद्रशेखर ने कही थी। वह कहते थे कि जब देश एक है तो कॉमन सिविल कोड क्यों नही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को संविधान के दायरे में रह कर काम को करना चाहिए।Chandra Shekhar ji ne kaha tha ke agar hamare faujdaari ke maamle aur shaadi vivah samaan hai to Uniform Civil Code kyun nahi?: UP CM pic.twitter.com/3dlA5c5P0N— ANI UP (@ANINewsUP) April 17, 2017
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समाजवादी पार्टी के विधान परिषद के सदस्य तथा चन्द्रशेखर मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन यशवंत सिंह ने बताया कि यह किताब वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने लिखी है। विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने बताया कि चंद्रशेखर स्मारक ट्रस्ट प्रत्येक वर्ष चंद्रशेखर जयंती के अवसर पर समाज के बुजुर्ग एवं युवा लोगों को उनके विचारों से अवगत करने के लिए एक पुस्तक का प्रकाशन करता है।
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इस पुस्तक का लक्ष्य हिंदुस्तान की सत्ता और विपक्ष को बेहतर दिशा देना होता है। 'राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर-संसद में दो टूक' पुस्तक इसी क्रम में उनकी 91वीं जयंती को अर्पित है। उन्होंने बताया यह पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री के संसद में दिए गए भाषणों और उनके राष्ट्रवाद पर लिखी गयी है। इस पुस्तक में देश के आठवें प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के संसद के कार्यकाल को दर्शाया गया है।
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मौन लोग समान रूप से दोषी
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान के बाद अब योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग इस पर मौन हैं। वे इसके लिए समान रूप से दोषी हैं। इसके लिए उन्होंने द्रोपदी के चीरहरण का उदाहरण दिया। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि चंद्रशेखर जी ने कहा था कि अगर हमारे फौजदारी के मामले और शादी विवाह समान हैं तो यूनिफॉर्म सिविल को क्यों नहीं।
Some people who are silent on the issue of #TripleTalaq are equally guilty: UP CM Yogi Adityanath in Lucknow. pic.twitter.com/Vy01soHzbW— ANI UP (@ANINewsUP) April 17, 2017
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