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विचार व संगठन के मेल से ही देश की तरक्की संभव : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है देश का विकास संगठन तथा विचार के मेल से ही संभव है। नीतीश कुमार आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक समारोह में शिकरत कर रहे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2016 11:48 AM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2016 04:42 PM (IST)
विचार व संगठन के मेल से ही देश की तरक्की संभव : नीतीश

लखनऊ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है देश का विकास संगठन तथा विचार के मेल से ही संभव है। नीतीश कुमार आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक समारोह में शिकरत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि विचार तथा संगठन का मेल देश में सम्राट अशोक के कार्यकाल में देखने को मिलता था। आज हमारे देश का बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जिस राजनीतिक दल के पास संगठन है, उनके विचार ठीक नहीं है और जिनके विचार ठीक है, उनके पास संगठन नहीं है। विचार तथा संगठन के मेल से ही देश अशोक के रास्ते पर जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में भारत के संविधान में अटूट विश्वास सबसे बड़ी बात है। नीतीश कुमार गाजीपुर के 20वें लटिया महोत्सव में सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने बिहार में अशोक जयंती पर अवकाश घोषित किया। इसको घोषित करते ही देश में विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि देश में तमाम जगह पर अशोक के शिलालेख व स्तंभों को जानबूझ कर नष्ट किया गया है। यह ठीक नहीं हुआ।

गाजीपुर में बिहार सीएम नीतीश कुमार

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की नब्ज टटोलने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। नीतीश कुमार फिलहाल गाजीपुर पहुंचे हैं। यहां पर उनका करीब तीन घंटे का कार्यक्रम है। गाजीपुर में दोपहर करीब दो बजे पहुंचे नीतीश कुमार का उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने पंचशील दीप का प्रज्ज्वलन किया। नीतीश कुमार ने गाजीपुर के लटिया में अति प्राचीन स्मारक के बारे में अधीक्षण पुरातत्वविद केसी श्रीवास्तव से जानकारी ली। केसी श्रीवास्तव ने बताया की परिसर में उत्खनन के दौरान कुषाण कालीन मृदभांड का अवशेष मिला है। जबकि स्तम्भ गुप्तकालीन है। यहां मदनेश्वर मन्दिर का प्रमाण मिला है। नीतीश कुमार ने पूछा कि आम धारणा तो यह है की यह अशोक पिलर है। केसी श्रीवास्तव ने उनको बताया की अशोक पिलर की पालिश अलग होती है। थोड़ी समानता है इसी के चलते कुछ लोग इसे अशोक पिलर कहते हैं।


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