लेखा संवर्ग के मृतक आश्रितों की नियुक्ति का रास्ता साफ
अधीनस्थ लेखा एवं लेखा परीक्षक के संयुक्त संवर्ग में तैनात कार्मिकों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को उसी विभाग में मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति दी जाएगी
लखनऊ (जेएनएन)। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में अधीनस्थ लेखा एवं लेखा परीक्षक के संयुक्त संवर्ग में तैनात कार्मिकों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को उसी विभाग में मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति दी जाएगी, जहां वह कार्मिक मृत्यु से पहले तैनात था। शासन के इस फैसले के बाद वित्त विभाग ने इस बारे में मंगलवार को विभागाध्यक्षों/वित्त नियंत्रकों को शासनादेश जारी कर दिया है।
लेखा और लेखा परीक्षा का संवर्ग पहले अलग-अलग विभागों से संबद्ध हुआ करता था। नवंबर 2014 में पुरानी व्यवस्था को खत्म कर लेखा संवर्ग का एकीकृत संवर्ग और अलग निदेशालय बना दिया गया। नई व्यवस्था लागू होने के बाद विभिन्न विभागों में कार्यरत लेखा संवर्ग के कार्मिकों की सेवा अवधि में मृत्यु होने पर संबंधित विभागों द्वारा उनके आश्रितों को नियुक्ति देने में टालमटोल किया जा रहा था। इससे मृतक आश्रितों की नियुक्ति के प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित थे। उप्र लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा एसोसिएशन लंबे समय से शासन से इस बारे में स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग कर रहा था।
शासनादेश जारी होने से अब स्थिति साफ हो गई है। इस फैसले का लाभ लेखा एवं लेखा परीक्षा संवर्ग में सहायक लेखाकार, लेखाकार, लेखा परीक्षक, ज्येष्ठ लेखा परीक्षक तथा सहायक लेखाधिकारी के पदों पर तैनात रहे कार्मिकों के आश्रितों को मिलेगा। अपर मुख्य सचिव वित्त डॉ.अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा का कार्यालय मुख्यालय स्तर का होने के कारण विभिन्न विभागों के मृतक आश्रितों को वहां सेवायोजित किये जाने में व्यावहारिक कठिनाई आ रही थी।
इसलिए शासन ने तय किया है कि जो कार्मिक जिस विभाग में मृत्यु से पहले तैनात था, उसके आश्रित को उसी विभाग में नियुक्ति दी जाए। एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने शासनादेश जारी करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त और निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा के प्रति आभार जताया है।