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मुलायम और जेटली को घेरने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट निलंबित

महोबा के कुलपहाड़ के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अंकित गोयल 21 अगस्त 2015 को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान 'एक महिला से पांच लोग दुष्कर्म नहीं कर सकते' को आधार बनाकर उनके खिलाफ मामले का स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर चर्चा में आए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 10:59 AM (IST)
मुलायम और जेटली को घेरने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट निलंबित

लखनऊ। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर मुकदमा करने वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गोयल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निलंबित कर दिया गया है। उन पर न्यायिक कार्यों में अविववेक पूर्ण कार्रवाई का आरोप हैं। साथ ही उनके खिलाफ गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें होने पर हाईकोर्ट ने विभागीय जांच शुरू करा दी है।

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इस कार्रवाई की पुष्टि हाईकोर्ट महानिबंधक एसके सिंह ने की है।महोबा की कुलपहाड़ अदालत में सपा प्रमुख मुलायम सिंह व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ पिछले महीनों में मुकदमा कायम किया गया था। केंद्रीय मंत्री जेटली ने इस मुकदमे को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने जेटली के खिलाफ कायम मुकदमे को रद कर दिया था और न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। जेटली की तर्ज पर सपा मुखिया पर भी मुकदमा हुआ। न्यायमूर्ति वर्मा के आदेश का संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्टे्रट गोयल को निलंबित किया है और गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर विभागीय जांच शुरू कराई है।

ऐसे चर्चा में आए अंकित गोयल

सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अंकित गोयल 21 अगस्त 2015 को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान 'एक महिला से पांच लोग दुष्कर्म नहीं कर सकते' को आधार बनाकर उनके खिलाफ अपनी ओर से ही संज्ञान ले मुकदमा दर्ज कर चर्चा में आए। इस मामले में सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ यादव ने जज के मकान मालिक को मकान खाली कराने की धमकी के आरोप में गोयल ने 24 अगस्त को भागीरथ यादव व मुलायम सिंह दोनों पर अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करा दिया। बाद में दाखिल पुनरीक्षण याचिका में जिला जज चैतन्य कुलश्रेष्ठ ने मुलायम सिंह पर दर्ज किया गया मूल मामला सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायिक क्षेत्राधिकार से परे होने का हवाला दे समाप्त कर दिया जबकि अवमानना मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका विचाराधीन है, जिसमें जिला जज के यहां सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तिथि नियत है।अरुण जेटली का मामला

19 अक्टूबर को सिविल जज अंकित गोयल ने न्यायाधीशों की नियुक्ति मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी को आधार बना केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इसे उच्च न्यायालय ने पांच नवंबर को जारी आदेश में न्यायिक विवेक का प्रयोग न किया जाना पा निरस्त करने का आदेश दिया था।

आजम का मामला

शहरी विकास मंत्री आजम खां के खिलाफ अधिवक्ता जमुना प्रसाद ने अर्जी याचिका दी थी, जिसमें अंकित गोयल ने दिसंबर में ही याचिकाकर्ता को राज्य सरकार व राज्यपाल से इस आशय की अनुमति लेने की हिदायत दे वापस कर दिया था।


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