आइएएस अनुराग मामले में सीबीआइ ने कब्जे में लिए पुलिस जांच के 536 पन्ने
कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में सीबीआइ की स्पेशल क्राइम ब्रांच दिल्ली ने जांच शुरू कर दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में सीबीआइ की स्पेशल क्राइम ब्रांच दिल्ली ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस कड़ी में सीबीआइ दिल्ली से चार सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंची और हजरतगंज कोतवाली जाकर पूरी घटना की जानकारी ली। सीबीआइ टीम ने इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही से एसआइटी की जांच व अनुराग की हत्या के मुकदमे से जुड़ी विवेचना के 536 पन्नों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। साथ ही घटनास्थल व जांच से जुड़ी करीब 60 तस्वीरें भी ली हैं। बताया गया कि सीबीआइ के एएसपी संतोष कुमार सहित टीम के दो-तीन अन्य सदस्य सोमवार तक लखनऊ पहुंचेंगे।
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सीबीआइ के डिप्टी एसपी सुनील सिंह सहित चार सदस्यीय टीम शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे हजरतगंज कोतवाली पहुंची। यहां लगभग डेढ़ घंटे तक इंस्पेक्टर आनंद शाही से घटना के बारे में सिलसिलेवार जानकारी ली। पुलिस की पड़ताल की और आइएएस की मौत मामले में जुटाए गए तथ्यों के बारे में पूछताछ कर चले गए। इसके बाद सीबीआइ टीम शाम करीब सवा छह बजे फिर कोतवाली पहुंची। इसमें विवेचना के दौरान काटे गए पर्चे, एसआइटी की जांच, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) वीसी प्रभु एन सिंह सहित अन्य लोगों के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सभी दस्तावेज कब्जे में लिए। माना जा रहा है कि पुलिस जांच के दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद सीबीआइ अपनी जांच की दिशा तय करेगी। पुलिस ने जिन बिंदुओं पर गलती की, उसकी भी पड़ताल होगी। सीबीआइ एलडीए वीसी सहित अन्य आइएएस अधिकारियों व राज्य अतिथि गृह के कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी।
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पहले भी कर चुके अहम मामलों की जांच
आइएएस अनुराग की मौत के लिए गठित सीबीआइ टीम में तीन ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं, जो पूर्व में उत्तर प्रदेश में तीन अहम मामलों की सीबीआइ जांच में शामिल रह चुके हैं। इनमें मधुमिता हत्याकांड, एनआरएचएम घोटाला व सारा हत्याकांड की सीबीआइ जांच शामिल हैं। तीनों अधिकारी यूपी में पहले तीन ब्लाइंड केस की जांच में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
सच सामने आने की उम्मीद
आइएएस अनुराग के बड़े भाई मयंक ने मामले की सीबीआइ जांच शुरू होने पर उम्मीद जताई है कि अब घटना का सच जरूर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि एसआइटी ने अपने जांच में कई स्तर पर लापरवाही बरती जिसकी वजह से पूरा मामला उलझता चला गया। पुलिस ने उनके बयान तक नहीं दर्ज किए।
आखिर क्यूं डरने लगे थे अनुराग
मयंक तिवारी का कहना है कि अनुराग पिछले कुछ महीनों में डरने लगे थे। इस बात की पड़ताल भी बेहद अहम है। अनुराग ने फरवरी में अपने बेंगलुरु स्थित बंगले में छह सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे और अपने कुत्ते को रात में गेट पर बांधना शुरू कर दिया था। उन्हें बेंगलुरु में कुछ जानकारियां मिली हैं, जिन्हें वे सीबीआइ अधिकारियों से साझा करेंगे।