IAS अनुराग तिवारी की मौत पर CBI ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट, परिजनों ने किया विरोध
आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत का मामला। सीबीआइ ने एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट को आधार बना कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट। घरवालों ने कहा, सीबीआइ ने चुपके से लगा दी।
लखनऊ, जेएनएन। कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मृत्यु अचानक गिरने से हुई थी, इसकी पुष्टि एम्स, दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने की है। सीबीआइ ने इसी आधार पर बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। अदालत ने प्रकरण को प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज कर सात मार्च को सुनवाई के लिए आदेश दिया है।
अपनी विस्तृत विवेचना में सीबीआइ इंस्पेक्टर पवन कुमार ने निष्कर्ष देते हुए कहा है कि शिकायतकर्ता मयंक तिवारी एवं मृतक के घरवालों के आरोपों की पुष्टि मौखिक एवं दस्तावेजीय साक्ष्य से नहीं हुई है। सभी आरोप निराधार पाए गए हैं। जांच के दौरान मुख्य रूप से उस आरोप की भी पुष्टि नहीं हो सकी, जिसमें कहा गया था कि अनुराग तिवारी बहुत बड़े घोटाले का राजफाश करने वाले थे। इसके डर से अनुराग पर उनके उच्चाधिकारी दबाव डालते थे एवं जानमाल की धमकी दी जाती थी।
विवेचना में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि अनुराग तिवारी की मृत्यु 16-17 मई, 2017 की रात्रि में हुई थी लेकिन, इस घटना की रिपोर्ट पांच दिन बाद क्यों दर्ज कराई गई। इसका शिकायतकर्ता स्पष्ट एवं संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया है। इसके अतिरिक्त घटना की रात स्टेट गेस्ट हाउस के किसी स्टाफ को कुछ भी अस्वाभाविक नहीं मिला, जिससे कि कुछ पता चल सकता। विवेचक का कहना है कि उनके द्वारा हर दृष्टिकोण से जांच की गई लेकिन, ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे अस्वाभाविक मृत्यु का कारण ज्ञात हो सके।
क्लोजर रिपोर्ट में एम्स की डॉक्टरों की टीम की राय एवं रिपोर्ट को मुख्य आधार बनाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुराग तिवारी की मृत्यु, हत्या अथवा आत्महत्या से नहीं हुई है बल्कि गिरने से हुई है। विवेचना के दौरान गत वर्ष पांच एवं छह मार्च को एम्स के डाक्टरों की टीम ने लखनऊ आकर घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था, जिसमें उनके द्वारा मृतक की मृत्यु गिरने से होना कहा गया था। सीबीआइ ने कहा है कि शिकायतकर्ता एवं मृतक के घरवालों के कई आरोप निराधार पाए गए हैं। इनमें बेंगलुरु निवासी अनुराग के मित्र अकरम, खाद्य सचिव हर्ष गुप्ता, एलडीए वीसी प्रभु नारायन सिंह एवं एक महिला मित्र के विरुद्ध लगे आरोप शामिल हैं।
सीबीआइ जांच से असंतुष्ट अनुराग का परिवार
आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआइ के क्लोजर रिपोर्ट से पीड़ितपरिवार खुश नहीं है। परिवारीजन का आरोप है कि सीबीआइ ने कई सवालों के जवाब तलाशे बिना क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी। घरवालों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई थी कि अनुराग के पेट में खाना पचा नहीं मिला था। ऐसे में सवाल यह है कि अगर अनुराग 10 बजे कमरे में सोने चले गए थे तो सुबह तक उनका खाना कैसे नहीं पचा? आरोप है कि रात में अनुराग को कहीं पर ले जाया गया था, जहां उनकी हत्या के बाद शव को वहां फेंका गया था।
घरवालों का कहना है कि अनुराग का फोन लॉक था, जिसे किसने और क्यों खोला था? वारदात के दो दिन पहले बेंगलुरु में संजय नगर थाना क्षेत्र स्थित अनुराग के आवास का ताला तोड़कर महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी हुए थे। इसकी एफआइआर भी कराई गई थी, लेकिन उस दिशा में जांच क्यों नहीं हुई? सीसी फुटेज देखने के लिए सीबीआइ ने कहा था, लेकिन किसी ने भी फुटेज नहीं देखी, ऐसा क्यों?
पीड़ितपरिवार ने बताया कि कनार्टक की एक संस्था ने सीबीआइ को एक घोटाले से संबंधित दस्तावेज देने की कोशिश की, लेकिन उसे लेने से इंकार कर दिया गया था। आरोप है कि सीबीआइ ने एकपक्षीय कार्रवाई की है। क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने से पहले पीड़ितपरिवार से बात तक नहीं की गई और वाट्स एप पर सूचना देकर पल्ला झाड़ लिया गया। अनुराग के घरवालों का कहना है कि बुधवार को उन्होंने केस से जुड़े सीबीआइ के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी उन लोगों का फोन नहीं उठाया।
जाने कब क्या हुआ
- 14 मई : अनुराग तिवारी अपने मूल निवास बहराइच से शाम को निकले और लखनऊ आकर अपने दोस्त एलडीए वीसी पीएन सिंह के मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह में ठहरे।
- 16 मई : अनुराग व पीएन सिंह रात को आर्यन रेस्त्रां से भोजन कर वापस गेस्ट हाउस आकर कमरा नंबर 19 में चले गए।
- 17 मई : सुबह करीब छह बजे अनुराग का शव गेस्ट हाउस से करीब 50 मीटर दूर बीच सड़क पड़ा मिला था। शाम को हुआ था शव का पोस्टमार्टम।
- 18 मई : आइएएस की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले की जांच के लिए एसएसपी ने गठित की एसआइटी।
- 20 मई : फोरेंसिक टीम ने मीराबाई मार्ग पहुंचकर किया घटना का रीक्रिएशन।
- 22 मई : घरवालों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई हत्या की एफआइआर। मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति भी की गई।
- 16 जून 2017 : दिल्ली सीबीआइ ने दर्ज किया आइएएस अनुराग तिवारी की हत्या का केस।
- 18 जून 2017 : सीबीआइ टीम ने लखनऊ आकर शुरू की थी छानबीन।
- 20 फरवरी 2019 : सीबीआइ ने कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट।