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मंत्री बृजेश पाठक को एलॉट कार पर किसी और का कब्जा

यूपी नेडा मुख्यालय में पूछताछ में अधिकारियों ने मुख्यालय की गाड़ी मंत्री के नाम आवंटित होने का हवाला दिया, तो खुद मंत्री भौचक रह गए। देखते ही देखते मंत्री की भौहें तन गईं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 05:55 PM (IST)
मंत्री बृजेश पाठक को एलॉट कार पर किसी और का कब्जा
मंत्री बृजेश पाठक को एलॉट कार पर किसी और का कब्जा

लखनऊ [संदीप पाण्डेय]। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के नाम पर एलॉट कार की सवारी कोई और कर रहा है। यह सिलसिला लगभग एक महीने से जारी है। यूपी नेडा मुख्यालय में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने कल जब औचक निरीक्षण किया तो पता चला कि विभाग की ओर से उनको एक कार एलॉट है। 

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यूपी नेडा मुख्यालय में पूछताछ में अधिकारियों ने मुख्यालय की गाड़ी मंत्री के नाम आवंटित होने का हवाला दिया, तो खुद मंत्री भौचक रह गए। देखते ही देखते मंत्री की भौहें तन गईं। उन्होंने अफसरों से साफ कहा कि मुझे तो कोई गाड़ी विभाग से मिली ही नहीं है। मंत्री के इस जवाब पर अधिकारी बगलें ताकने लगे। मंत्री ने तुरंत कहा कि पता करो गाड़ी कहां है और कौन चला रहा है। यही नहीं निरीक्षण के दौरान चिनहट के शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र में सोलर पैनल से बैट्री चोरी होने का भी खुलासा हुआ। 

मंत्री ने अपने औचक निरीक्षण की शुरुआत चिनहट स्थित यूपी नेडा के शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र से की। यहां परिसर में लगे करीब 50 सोलर पैनल से बैट्री व लाइटें गायब मिलीं। साथ ही तमाम कर्मचारी ड्यूटी भी गायब मिले। इसके बाद वह सीधे गोमती नगर में यूपी नेडा के मुख्यालय पहुंचे। यहां मंत्री ने गाड़ी के आवंटन व चालकों की ड्यूटी पर बारीकी से पूछा। सचिव ने बताया कि एक गाड़ी पर दो-दो ड्राइवर तैनात किए गए हैं। वहीं दो गाड़ी शासन में व दो पूल में लगी हैं। शेष चार मुख्यालय में तैनात हैं। मंत्री बोले कि शासन में किसके पास गाड़ी है। इस पर सचिव ने कहा एक तो आप के ही पास भेजी है। यह सुनते ही मंत्री ने कहा कि मुझे तो कोई गाड़ी नेडा से नहीं मिली है, पता करो गाड़ी कहां है।

ताला बंद करके कर्मियों की कराई परेड

यूपी नेडा के शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र, चिनहट में दोपहर बाद औचक निरीक्षण करने पहुंचे विधि न्याय, राजनीतिक पेंशन व अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री बृजेश पाठक ने अंदर पहुंचते ही साथ चल रही सिक्योरिटी से तुंरत गेट पर ताला लगवा दिया। इसके बाद भवन में दाखिल हुए। यहां कक्षों में तमाम कुर्सियां खाली मिलीं, ऐसे में एक-एक कर्मचारी को तलब कर हाजिरी लगाई। मंत्री की सख्ती देख केंद्र प्रभारी उनके पास भागते हुए पहुंचे, वहीं इधर-उधर घूम रहे कर्मी सीटों पर काबिज हो गए। मंत्री ने कार्यालय, स्टोर, प्रशिक्षण कक्ष, व्यायाम हाल, छात्रवास, लाइब्रेरी, परिसर व संसाधनों का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकतर कक्षों में कर्मचारियों की आधी सीटें खाली मिलीं। कुर्सियां खाली देखकर मंत्री का पारा चढ़ गया, उन्होंने अधिकारियों से बायोमीटिक अटेंडेंस सीट के साथ-साथ उपस्थिति पंजिका तलब कर मिलान किया। एक-एक कर्मचारी को कक्ष में बुलाकर हाजिरी ली। इसमें चार कर्मचारी हाजिरी लगाकर ड्यूटी से गायब मिले, जबकि चार छुट्टी पर मिले। 

सोलर पैनल से बैट्री गायब

मंत्री ने प्रभारी कक्ष का दौरा किया तो वहां साफ-सफाई दुरुस्त मिली। इसके बाद डिस्पैच रूम, स्टोर रूम फिर व्यायाम कक्ष पहुंचे, लेकिन इन तीनों कक्षों में गंदगी व फाइल अस्त-व्यस्त मिलीं। वहीं खिड़कियों में दीमक लगी थी। ऐसे में मंत्री ने प्रभारी से कहा यहां क्या शोध व प्रशिक्षण होता होगा, यहां तो दीमक ही लग गई है। मंत्री ने लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। यहां किताबों के रख-रखाव व रैक-फर्श पर जमी धूल देखकर वह दंग रह गए। पूछने पर प्रभारी ने रोज साफ-सफाई का हवाला दिया। वहीं मंत्री का सख्त लहजा देख चतुर्थ श्रेणी कर्मी यज्ञराम का मुंह खुल गया। वह बोला साहब, चार दिन से झाड़ नहीं लगी है। वहीं विभिन्न भवनों में लगे चारों वाटर कूलर बंद मिले।

मंत्री ने प्रभारी एके सिंह से उपस्थिति पंजिका तलब की। इसमें चार कर्मी छुट्टी पर थे, जबकि अरुण, जितेंद्र व राजेंद्र हाजिरी लगाकर गायब थे। वहीं राजकुमार को मुख्यालय डाक लेकर जाना बताया गया। मंत्री ने कर्मी को फोन लगाया, तो कर्मी बोला, साहब हम डालीगंज में हैं। मंत्री ने कहा कि डालीगंज में विभाग का कौन दफ्तर है। उधर से कर्मी बोला साहब हम घर पर आ गए हैं। ऐसे ही विनोद कुमार गुप्ता को भी मुख्यालय जाना बताया गया, मंत्री ने फोन पर बात की तो वह दफ्तर में पाया गया। मंत्री ने डिस्पैच रजिस्टर चेक किया। इसमें मिले अवकाश प्रार्थना पत्र में प्रार्थी व स्वीकृत कर्ता अधिकारी के एक समान राइटिंग मिलने पर सवाल उठाया। 

प्रशिक्षण केंद्र में गंदगी व कर्मियों की मनमानी देखकर मंत्री ने प्रभारी एके सिंह से कहा कि सुधर जाओ, पुराने ढर्रे पर काम नहीं चलेगा। यहां तो सिर्फ वर्ष में तीन बार प्रशिक्षण का ही काम होता है। इसके बाद सब आराम करते हो। सप्ताह बाद फिर आऊंगा, सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी। वहीं अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण भेजने के निर्देश दिए।


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