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अब बिन कांट-छांट होगी कैंसर की पहचान

लखनऊ। अगर शोध में सही परिणाम मिलते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब बिना शरीर का हिस्सा लिए (बायोप्सी) ह

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 10:32 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 10:32 AM (IST)
अब बिन कांट-छांट होगी कैंसर की पहचान

लखनऊ। अगर शोध में सही परिणाम मिलते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब बिना शरीर का हिस्सा लिए (बायोप्सी) ही मुख और गले के कैंसर का पता चल जाएगा। इसके लिए गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम) कालेज और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने मिलकर एक डिवाइस तैयार की, जिसके जरिए प्रभावित अंग की इमेज लेकर कंप्यूटर से कैंसर का परीक्षण होगा।

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शोध के पहले चरण में मुंह के कैंसरग्रस्त व सामान्य टिश्यू को लेकर उनकी वेबलेंथ से पहचान की गई। अब इन वेबलेंथ को कंप्यूटर पर सुरक्षित कर लिया गया है जिसके सहारे भविष्य में मिलान कर पहचान की जाएगी। अब तक हुए शोध को एथिकल कमेटी की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलते ही मरीजों का परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा। अगले चरण में डिवाइस को छोटा किया जाएगा और फिर इसे मुंह में डालकर कैंसर की पहचान होगी।

पान मसाला, गुटखा एवं तंबाकू के सेवन की वजह से मुंह के कैंसर के मरीज सर्वाधिक हैं। इस भयावह स्थिति को देखते हुए मेडिकल कालेज के कान-नाक-गला के विभागाध्यक्ष डा.एसके कनौजिया के निर्देशन में जूनियर रेजीडेंट डा.आशुतोष सिंह, डा.कुमार आशुतोष व डा.शिवानी और आइआइटी कानपुर की भौतिकी विभाग की वैज्ञानिक डा.असीमा प्रधान ने साथ मिलकर छह माह से शोध के बाद एक डिवाइस बनाई है। डा. एसके कनौजिया ने बताया कि आइआइटी व मेडिकल कालेज मिलकर शोध कर रहे हैं। तैयार की गई डिवाइस के परिणाम सकारात्मक मिले हैं। अब मरीजों पर जांच के लिए एथिकल कमेटी से अनुमति मांगी है।

ऐसे होती जांच

आइआइटी कानपुर के भौतिक विभाग की टीम ने कैमरा तैयार किया है, जो अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। इसे कैमरे को एक प्रोव (हैंडिलनुमा यंत्र) में लगाया है। इस प्रोव को कैंसर टिश्यू पर घुमाया जाता है। प्रोव से निकलने वाली तरंगें वापस होकर कैमरे पर पड़ती हैं, जो कैमरे के माध्यम से कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखते हैं। कैंसर, प्री-कैंसर एवं नार्मल टिश्यू की तरंगों की फ्रीक्वेंसी अलग-अलग होती है।

मुख कैंसर के लक्षण

मुंह में पंद्रह दिनों से अधिक समय तक छाले, घाव, सफेदी, गांठ एवं फाइब्रोसिस (मुंह न खुलना)।

लैरिंग्स कैंसर के लक्षण

आवाज में बदलाव (तीन हफ्ते से अधिक), खाने में तकलीफ, सांस लेने में दिक्कत, गले में गांठ, मुंह से खून, मुंह से दुर्गध।


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