अखिलेश ने बढ़ाई मंत्रियों की पगार, इलाहाबाद मेट्रो को भी मंजूरी
मुख्यमंत्री और कैबिनेट के मंत्रियों की पगार 12 हजार से बढ़कर 40 हजार कर दी गयी है। वहीं राज्यमंत्री और उपमंत्रियों की पगार 12 से बढ़कर 35 हजार हो गयी।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। कर्मचारियों को सातवां वेतन देने का प्रस्ताव मंजूर करने के एक पखवारे बाद मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने अपनावेतन बढ़ाने का फैसला किया है। अब मुख्यमंत्री व मंत्रियों का मासिक वेतन 12 हजार से बढ़कर 40 हजार हो जाएगा। राच्य व स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों का वेतन 11 हजार से बढ़ाकर 35 हजार हो जाएगा।
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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री व मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला किया गया। अब मुख्यमंत्री व मंत्रियों को वेतन-भत्ते मिलाकर एक लाख 29 हजार रुपए हो जाएगा। राज्यमंत्रियों व स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों का मासिक वेतन एक लाख 23 हजार हो जाएगा। दरअसल, इनके वेतन का बेसिक 35 हजार बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। भत्ते मंत्रियों के बराबर मिलते हैं। बेसिक वेतन 40 हजार रुपए मासिक। निर्वाचन भत्ता 30 हजार। दैनिक भत्ता 800 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 24 हजार रुपए प्रति महीना। चिकित्सा के लिए 20 हजार रुपए मासिक और मंत्रियों के प्रतिनिधि को 15 हजार रुपए मासिक का भुगतान मिलता है।
यूपी मिनिस्टर्स एक्ट-1981 होगा संशोधित
प्रदेश सरकार पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी मकान की सुविधा बरकरार रखने के लिए उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स (सेलरी, एलाउंसेज एंड मिसलेनियस प्रोविजन) एक्ट 1981 में संशोधन करने जा रही है। बुधवार को संशोधन विधेयक संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति एआर दवे, न्यायमूर्ति एनवी रमना व न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों, ट्रस्ट, निजी संस्थाओं को सरकारी आवास आवंटित करने की नियमावली एक अगस्त को रद कर दी थी और छह पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली कराने का आदेश दिया था। इस फैसले की जद में कई ट्रस्ट, 149 सरकारी-अद्र्धसरकारी कर्मचारी संगठनों के कार्यालय भी आ गए थे। अब 22 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में संशोधन विधेयक को विधान मंडल के दोनों सदनों में रखा जाएगा।
कैसे बनेगा कानून
विधानमंडल के दोनों सदनों से बिल (विधेयक) पास होने के बाद उसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। संशोधित विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्रियों का बंगला बचने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि राज्यपाल को विधेयक वापस करने, रोक लेने या फिर उसमें संशोधन का सुझाव देने का भी अधिकार है। ध्यान रहे, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली कराने के लिए सरकार को दो माह का समय दिया है। फैसला एक अगस्त को आया था।
इलाहाबाद मेट्रो को भी मंजूरी फिजिबिलिटी स्टडी के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर अनुकूल रही तो लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा व मेरठ की तरह इलाहाबाद में भी मेट्रो रेल दौड़ाने की तैयारी शुरू हो जाएगी। राज्य सरकार ने इलाहाबाद में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तौर पर मेट्रो रेल चलाने की संभावना तलाशने के साथ ही डीपीआर बनाने का जिम्मा केंद्र सरकार की अनुभवी व विशेषज्ञ संस्था राइट्स को सौंपा है। कैबिनेट बैठक में इलाहाबाद नगर में वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या और मौजूदा मार्गों में चौड़ाई की संभावना न के बराबर होने के मद्देनजर मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए डीपीआर तैयार कराने का निर्णय किया गया। इसके लिए राइट्स को सीधे नामांकित करने के साथ ही तय किया गया कि आने वाले खर्च की 50 फीसद धनराशि केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाने के बाद शेष धनराशि इलाहाबाद विकास प्राधिकरण अदा करेगा। नामांकन के जरिए सीधे राइट्स का चयन किए जाने पर यदि केंद्र सरकार ने मेट्रो रेल नीति के अनुसार 50 फीसद अनुदान नहीं दिया तो इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को पूरा खर्च उठाना होगा। राज्य सरकार किसी तरह का वित्तीय भार नहीं उठाएगी।
यह प्रस्ताव पास
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- 25 हजार करोड़ के अनुपूरक बजटके प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
- उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड (प्रक्रिया का विनियमन एवं इसके कृत्यों का निष्पादन) नियमावली, 2016
- बस्ती के बनकटी ग्राम को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव मंजूर
- इलाहाबाद में मेट्रो रेल परियोजना के संचालन के लिए फिजिबिलिटी स्टडी/डीपीआर को मंजूरी
- उत्तर प्रदेश अपार्टमेन्ट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्द्धन) (संशोधन) विधेयक, 2016 का अनुमोदन।
- रामपुर में 132 के0वी0 उपकेन्द्र लालपुर के निर्माण के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध कराने को मंजूरी
- राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर के क्रीड़ा स्थल के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध कराने का फैसला
- उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर निरीक्षक सेवा नियमावली, 1982 में (द्वितीय) संशोधन। सम्बन्ध में।
- कक्षा-1 से 8 तक के परिषदीय एवं सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, सहायता प्राप्त मदरसे, राजकीय इण्टर कालेज (कक्षा 6 से 8) सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 1 से 8) के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराने का फैसला
- उत्तर प्रदेश स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन स्टाफ नियमावली, 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
- ‘आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे’ (ग्रीन फील्ड) परियोजना को इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति पर विकसित करने का प्रस्ताव मंजूर
- पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित करने का कानून बनाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर
- मुख्यमंत्री व मंत्रियों का वेतन बढ़ाने का फैसला अभी मुख्यमंत्री को ११ हजार रुपए मासिक मिलता है