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किसानों की ऋण माफी से यूपी सरकार पर पड़ेगा 61,950 करोड़ का बोझ

सरकार ने जो प्रारंभिक आंकलन किया है, उसके मुताबिक लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने पर 61,950 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आने की संभावना है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 02:28 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 03:41 PM (IST)
किसानों की ऋण माफी से यूपी सरकार पर पड़ेगा 61,950 करोड़ का बोझ
किसानों की ऋण माफी से यूपी सरकार पर पड़ेगा 61,950 करोड़ का बोझ

लखनऊ (जेएनएन)। सूबे में सत्तारूढ़ हुई भाजपा सरकार को अपने वादों और इरादों को अमलीजामा पहनाने के लिए लिए वित्तीय मोर्चे पर भी कम चुनौतियों से नहीं जूझना होगा। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के कर राजस्व की वसूली अपेक्षित न होने के साथ प्रदेश की ऋण ग्रस्तता में इजाफे के कारण सरकार के लिए अपने वादों को पूरा करने के लिए अपने बटुए को बहुत ज्यादा ढीला करने की गुंजायश नहीं है। देखना होगा कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार कैसे इन वित्तीय चुनौतियों से पार पाने के लिए संसाधनों का इंतजाम करती है।

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भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में जो वादे किये हैं, सरकार बनने पर अब उन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए भारी वित्तीय संसाधनों की जरूरत होगी। संकल्प पत्र में विभिन्न प्रयोजनों के लिए अलग-अलग कोष स्थापित करने का एलान किया गया है, जिनकी स्थापना पर 23 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का वित्तीय व्ययभार आएगा। प्रदेश के सभी लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने के एलान को अमली जामा पहनाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। सरकार ने जो प्रारंभिक आंकलन किया है, उसके मुताबिक लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने पर 61,950 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आने की संभावना है। इनके अलावा संकल्प पत्र में कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिन्हें साकार करने पर सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगेगी।


वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के अपने कर राजस्व की वसूली की रफ्तार इस साल सुस्त रही है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने स्वयं के कर राजस्व के जरिये 1,01,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया था। फरवरी 2017 तक कर राजस्व की वसूली महज 73,584 करोड़ रुपये हो पायी है जो कि वार्षिक लक्ष्य का 72.7 फीसद है। दिसंबर में 2017-18 के पहले पांच महीनों के लिए लेखानुदान पारित कराते समय ही सरकार ने कर राजस्व की वसूली को घटाकर 90,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान लगाया था। हालांकि असल वसूली इससे भी कम होने की संभावना है। उधर राज्य सरकार की ऋण ग्रस्तता भी बढ़ी है। इसकी वजह से बाजार से कर्ज लेने के लिए बहुत गुंजायश नहीं है।


इन फंड की स्थापना का वादा
-मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई ïफंड की - 20000 करोड़ रुपये
-स्टार्ट-अप वेंच कैपिटल फंड - 1000 करोड़ रुपये
-विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना कोष निधि - 1000 करोड़ रुपये
-बाबा साहेब अंबेडकर छात्रवृत्ति कोष - 500 करोड़ रुपये
-एकलव्य क्रीड़ा कोष - 500 करोड़ रुपये
-मत्स्य पालक कल्याण फंड - 100 करोड़ रुपये
-डेयरी विकास फंड - 15 करोड़ रुपये


फरवरी तक कर राजस्व वसूली
कर - वसूली (करोड़ रु.) - वसूली प्रतिशत
वाणिज्य कर - 44298 - 76.5
आबकारी शुल्क - 12741 - 66.2
स्टांप व निबंधन शुल्क - 10489 - 64
परिवहन शुल्क - 4563 - 89
मनोरंजन कर - 657 - 100
भूराजस्व - 513 - 78
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी - 273 - 22


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