मेले में आया सवा नौ करोड़ का भैंसा, खाता है बादाम-सेब, पीता है दूध
प्रतिदिन तीन हजार का व्यय इसके खान-पान व अन्य में होता है। भोजन में 20 लीटर दूध, पांच किलो सेब भी खिलाया जाता है। आकर्षण का केंद्र रहा युवराज ग्रामोदय मेला की शान बढ़ा रहा है।
चित्रकूट (जेएनएन)। मेला देखने वालों को यदि कोई लुभा रहा है तो वह सवा नौ करोड़ (9.25 करोड़) का भैंसा (युवराज)। जी हां, बात हरियाणा के उस विश्वविख्यात भैंसे की कर रहे हैं जिसके मालिक कुरुक्षेत्र हरियाणा के करमवीर सिंह हैं। करमवीर के मुताबिक उनके भैंसे की कीमत 9.25 करोड़ रुपये लग चुकी है। उच्च अनुवांशिक उत्पादन क्षमता वाले इस युवराज की कीमत दक्षिण अफ्रीका के पशुपालकों ने लगाई थी। प्रतिदिन तीन हजार का व्यय इसके खान-पान व अन्य में होता है। भोजन में 20 लीटर दूध, पांच किलो सेब भी खिलाया जाता है। देश के तमाम मेलों में आकर्षण का केंद्र रहा युवराज ग्रामोदय मेला की भी शान बढ़ा रहा है। हर कोई उसके साथ सेल्फी लेने को बेताब दिखा।
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ग्रामोदय मेले में ग्रामीण भारत का दर्शन
ग्रामीण भारत का दर्शन कराने वाला ग्रामोदय मेला देश के विभिन्न प्रदेश की लोक सांस्कृतिक संगम के बीच शुरू हुआ। ग्रामोदय मेला के माध्यम से केंद्र सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय व राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख का जन्म शताब्दी वर्ष मना रहा है। धर्मनगरी में दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ के 15 एकड़ में लगे चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का शुभारंभ बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविद ने किया। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल के चिंतन में हमेशा ही गांवों के उत्थान की बात की गई है। केंद्रीय सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्री थावरचन्द्र गहलोत ने कहा पं. दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद रुपी एक चिंतन समाज को दिया नानाजी ने वसुधैव कुटुंबकम की अपनी वृत्ति के आधार पर साकार किया।