Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश में बच्चों के लिए जानलेवा 'ब्लू व्हेल ' गेम पर प्रतिबंध

किशोरों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी सोशल साइट्स से लिंक हटाने का निर्देश है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 10:27 PM (IST)Updated: Wed, 23 Aug 2017 05:05 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में बच्चों के लिए जानलेवा 'ब्लू व्हेल ' गेम पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश में बच्चों के लिए जानलेवा 'ब्लू व्हेल ' गेम पर प्रतिबंध

लखनऊ (जेएनएन)। किशोरों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने सभी सोशल साइट्स से इसके लिंक हटाने का निर्देश दिया है। सभी सर्च इंजिन को भी इस बात की हिदायत भेजी गई है कि ब्लू व्हेल और इसकी तरह के खेलों को हटाया जाए। गौरतलब है कि ब्लू व्हेल गेम की वजह से देश में कई बच्चे जान दे चुके हैं।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें: योगी को सौंपी गई गोरखपुर आक्सीजन हादसे की रिपोर्ट, अनिता भटनागर हटीं

गृह मंत्रालय से भी निर्देश जारी हुए हैं, जिसे गंभीरता से लेते हुए डीजीपी सुलखान सिंह ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा है कि स्कूलों में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए शिक्षकों और अभिभावकों से मिलकर काउंसिलिंग कराई जाए और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय होकर इसके लिए जनसंवाद किया जाए। आइजी (लोक शिकायत) विजय सिंह मीना ने बताया कि शिक्षकों से कहा जाएगा कि वे अपने स्तर पर भी बच्चों पर निगाह रखें कि कहीं वह ऐसे खेल तो नहीं खेल रहा है। ऐसे में अभिभावकों से संपर्क करके काउंसिलिंग की जाए। स्कूलों में कंप्यूटरों में फायर वाल व अन्य तकनीकी से भी ऐसे खेलों पर रोक लगाने की बात कही गई है। 

यह भी पढ़ें:उत्तर प्रदेश में भड़के शिक्षामित्रों का जबरदस्त प्रदर्शन, तोड़फोड़ घेराव और जाम 

जानें ब्लू व्हेल चैलेंज यानी डेथ गेम

इंटरनेट पर यह खेल किसी इंस्ट्रक्टर के जरिए खेला जा रहा है जिसमें बच्चों के लिए टास्क दिए जाते हैं। 50 वें टास्क में बच्चों को कोई खतरनाक जानलेवा कदम उठाने के लिए कहा जाता है। ब्लू व्हेल चैलेंज की शुरुआत साल 2013 में सबसे पहले रशिया में हुई थी। इस ऑन लाइन डेथ गेम को बनाने वाले शख्स का नाम ईया सिदोरोव है। ये एक तरह का प्लान्ड गेम है, यानि ये गेम का हिस्सा बनने वाले बच्चों की हर हरकत पर पैनी नजर रखता है। यूं ही कोई इस गेम का हिस्सा नहीं बन सकता। इस गेम को चलाने वाले लोग तय करते हैं, कि ब्लू व्हेल कौन खेलेगा। सीक्रेट ग्रुप में खेले जाने वाले इस गेम का इन्विटेशन बच्चों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और ह्वाट्सप जैसे प्लेटफॉर्म पर मिलता है। इस गेम के कुल 50 पड़ाव होते हैं, जिसे 50 दिनों में पूरा करना होता है। यानी हर रोज एक नया चैलेंज होता है। चैलेंज पूरा करने पर सबूत के तौर पर तस्वीर गेम के एडमिन को ग्रुप पर भेजनी होती है। 

यह भी पढ़ेंतलाक-ए-तफवीजः शबनम ने शौहर से कहा-तलाक-तलाक-तलाक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.