स्मृति को कार्यकर्ताओं की खरी-खरी, बोले बिना पैसे के नहीं होता काम
गोरखपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को खरी-खरी सुनाई और कहा कि केंद्रीय योजनाओं में भी भ्रष्टाचार है। बिना पैसा दिए काम नहीं होता है।
लखनऊ। गोरखपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को खरी-खरी सुनाई। कहा, केंद्रीय योजनाओं में भी भ्रष्टाचार है। मुद्रा लोन योजना में बैंकर्स लाभार्थी से ऋण का 10 फीसद कमीशन मांगते हैं। 50 हजार का कर्ज भी दो टुकड़ों में देने की बात करते हैं। एकमुश्त मांगने पर 100 रुपये का स्टैंप पेपर मांगते हैं।
आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी तारामंडल स्थित सरमाउंट इंटरनेशन स्कूल में भाजपा कार्यकर्ताओं के परिचय सम्मेलन में हिस्सा ले रही थीं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी से परिचय की रस्म अदायगी के बाद जिले और शहर के कुछ कार्यकर्ताओं से केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में फीड बैक मांगी गई। अधिकांश ने तो सब कुछ अच्छा है की तर्ज पर सरकार का गुणगान किया, पर कुछ ने आइना भी दिखाया। कार्यकर्ता यही नहीं रुके कहा कि पहल योजना में भी गैस एजेंसियों ने लाभार्थियों से मनमानी वसूली की है। यह भी कहा कि सरकार बनने के बाद भी कार्यकर्ताओं को अपेक्षित सम्मान नहीं मिला। तमाम पदों पर अब भी कांग्रेस के जमाने के लोग ही काबिज हैं। शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और शोषण का भी मुद्दा उठा।
मंत्री का जवाब
जिन लोगों से पैसे मांगे हैं उनका और जिनसे पैसे मांगे गए हैं उनका नाम और नंबर हमें दें। रही बात शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और शोषण की तो तमाम विषय सूबे के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इनको ठीक करने के लिए अगले साल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाएं। कार्यकर्ताओं के समायोजन की बात करने वाले से कहा, हमे उन पदों की सूची दें जिनपर अब भी कांग्रेसी काबिज हैं।
शुरुआत ही गड़बड़
दरअसल कार्यक्रम की शुरुआत ही गड़बड़ रही। मुख्य सड़क से लेकर देवरिया बाईपास और कार्यक्रम स्थल तक तो भाजपा थी। पर स्कूल परिसर में भाजपा के लोग तो थे, पर उनका कोई प्रतीक नहीं। यहां तक कि सभागार के मंच के पीछे जो बैनर लगा था, उस पर प्रमुख नेताओं के चित्र के अलावा पार्टी और उसके कार्यक्रम का कोई जिक्र तक नहीं था। स्मृति इरानी ने घुसते ही इसे नोटिस लिया और बैनर हटाने को कहा। पर करीने से लगाया गया बैनर अंत तक मुंह चिढ़ाता रहा। कार्यक्रम शुरु होते ही स्कूल के लोगों ने मंच और माइक संभाली तो कार्यकर्ताओं की ओर से आपत्ति आई। इसके बाद क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवकुमार पाठक ने संचालन का दायित्व संभाल लिया। सुबह से ही तैयार होकर आया स्कूल का स्टाफ तब भी किसी मौके की प्रतीक्षा में जमा रहा। पर कुछ देर बाद वे भी निराश होकर लौट आए। उनकी टिप्पणियां गौर करने लायक थीं। प्रोटोकाल के तामझाम के साथ खचाखच भरे हाल में एक-एक कार्यकर्ता के साथ जाकर परिचय कराने के दौरान भी अफरा-तफरी रही। रही-सही कसर कार्यकर्ताओं की खरी-खरी ने पूरी कर दी।
पत्रकारों को बैठक से बाहर निकाला
इसके बाद मंत्री ने पहले फोटोग्राफरों और बाद में पत्रकारों को बाहर कर दिया। यहां तक कि दूरदर्शन वालों को भी नहीं बख्शा। हालांकि ये सारे लोग आयोजकों की ओर से आमंत्रित थे।