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मिशन-2017 : आक्रामक बनेगी यूपी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी सूबे में मिशन 2017 की कामयाबी को अब आक्रामक तेवरों के साथ मैदान में उतरेगी। साथ ही संगठन विस्तार के लिए विभिन्न वर्गो को जोड़ा जाएगा व नए बने एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा सदस्यों को प्रशिक्षित कार्यकर्ता के रूप में तैयार किया जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 03:39 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 03:45 PM (IST)
मिशन-2017 : आक्रामक बनेगी यूपी भाजपा

लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी सूबे में मिशन 2017 की कामयाबी को अब आक्रामक तेवरों के साथ मैदान में उतरेगी। साथ ही संगठन विस्तार के लिए विभिन्न वर्गो को जोड़ा जाएगा व नए बने एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा सदस्यों को प्रशिक्षित कार्यकर्ता के रूप में तैयार किया जाएगा।

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प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर के एक्शन प्लान में सबको जोडऩे व सबसे काम लेने की कार्ययोजना बनाई गयी है। माथुर ने कल आगामी चार माह चलने वाले पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल माह के अंत में सदस्यता अभियान की समीक्षा होगी, जिसमें दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य काफी हद तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इन सदस्यों को प्रशिक्षित कार्यकर्ता के रूप में बदलने का काम मई-जून माह में महासंपर्क अभियान से आरम्भ होगा। प्रमुख नेता सदस्यों के घरों तक पहुंचकर संवाद स्थापित करेंगे। प्रत्येक सदस्य को एक परिचयपत्र मुहैया कराने की योजना है। मोबाइल फोन व अन्य संचार साधनों के माध्यम से करीब दो करोड़ सदस्यों से संपर्क साधे रखा जाएगा। मई- जून के बाद जुलाई व अगस्त में प्रशिक्षण शिविरों का सिलसिला शुरू होगा।

मुख्यालय का स्वरूप बदलेगा

प्रदेश पार्टी मुख्यालय को अधिक व्यवहारिक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने का कार्य तेज है। सभी जिलों में भी स्थाई कार्यालय स्थापित होंगे और मुख्यालय से जोड़े जाएंगे। पूर्व प्रदेशाध्यक्षों को कार्यालय में बैठने की व्यवस्था न होने से आहत दिखे प्रभारी माथुर ने बताया कि दूरदराज से आए कार्यकर्ताओं को भी भरपूर सम्मान मिलेगा। मुख्यालय की व्यवस्थाओं की निगरानी वह खुद नियमित रूप से करते रहेंगे। लखनऊ में उनके लिए निवास स्थान भी तलाशा जा रहा है। क्षेत्रीय समिति के बाद से जिलों की बैठकें विभागवार आहूत की जाएंगी। माथुर का कहना है कि कोई भी नेता बिना काम नहीं रहेगा। जनता के बीच आक्रामक होकर सपा बसपा और कांग्रेस की खामियों को प्रचारित करने के साथ केंद्र की खूबियां गिनाने का काम होगा। भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर किसान पंचायतों के जरिए मजबूती से केंद्र सरकार को पक्ष रखने की प्रयोग को सफल बताते हुए माथुर ने कहा कि यह तेवर उप्र में सत्तासीन होने तक जारी रहेंगे।

बाहरी से बैर नहीं

माथुर फार्मूले में पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह देने के अलावा नए आने वालों को भी संगठन में जगह दी जाएगी। उनका कहना है कि पंचायत चुनाव में सफलता हासिल करने में दमदार उम्मीदवारों का सहारा लेने के लिए नए पुराने के पचड़े से दूर रहना जरूरी है। सत्ता हासिल करनी है तो कुनबा बढ़ाना ही होगा। प्रदेश में कम से कम एक लाख बूथों पर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम इस वर्ष अंत तक दिखने लगेगी।


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