सामाजिक समरसता के लिए दलित बस्तियों में जाएंगे भाजपा के बड़े नेता
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पदाधिकारी से लेकर केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायकों को दलित बस्तियों में भेजा जाएगा। पार्टी जल्द इस कार्यक्रम की रूपरेखा तय करेगी।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सामाजिक समरसता के संदेश पर अमल करते हुए भाजपा दलित बस्तियों में बड़े नेताओं को भेजने की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पदाधिकारी से लेकर केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायकों को उनके बीच भेजा जाएगा। पार्टी जल्द ही इस कार्यक्रम की रूपरेखा तय करेगी।
ऐसा नहीं है कि भाजपा पहली बार दलितों के बीच अपने नेताओं को भेजेगी। पहले भी कई बड़े नेता दलितों के बीच गए लेकिन अब प्रभावी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। दरअसल, भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती पर अभद्र टिप्पणी के बाद बसपा ने भी शर्मनाक प्रतिक्रिया की। इसी मामले पर बसपा ने दलितों के धु्रवीकरण की पहल तेज कर दी है। दयाशंकर के बयान के तत्काल बाद ही बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश भर में रैलियों का एलान किया था और अब इसकी शुरुआत हो गयी है। आगरा में 21 अगस्त और आजमगढ़ में 28 अगस्त को रैली कर मायावती ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। आगे भी यह सिलसिला चलेगा। भाजपा अब जवाबी कार्रवाई के लिए दलितों को लुभाने की योजना बना रही है। खासकर खटिक, पासी, धोबी, वाल्मिकी और कोरी आदि दलित जातियों के बीच चौपाल लगाने से लेकर सह भोज आयोजित करने की तैयारी है।
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अभी तिरंगा यात्रा में लखनऊ आए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दलित सांसद कौशल किशोर के आवास पर आयोजित भोज में शामिल हुए तो उनका मकसद सामाजिक समरसता का संदेश देना ही था। हालांकि अब गांव और क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय दलितों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की भूमिका तैयार हो रही है। भाजपा ने लखनऊ में जून में प्रदेश स्तरीय अनुसूचित सम्मेलन आयोजित किया था और उसे दलितों के स्वाभिमान से जोड़ा था। उस आयोजन में भी अमित शाह शामिल हुए थे। संकेत मिल रहे हैं कि अब जिला स्तर पर भी ऐसे सम्मेलन होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर से यह पहल तो जनवरी में ही शुरू हो गयी थी। तब मोदी बाबा साहब अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के छठे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और यहीं उन्होंने रोहित वेमुला के आत्महत्या मसले पर चुप्पी तोड़ी थी। वह अंबेडकर महासभा भी गये और बाबा साहब की अस्थियों का दर्शन किया। फरवरी में उन्होंने वाराणसी में संत रविदास मंदिर में भी मत्था टेका। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ पर भी भाजपा ने कई कार्यक्रम आयोजित किये। 14 अप्रैल को उनकी जयंती पर ग्रामोदय अभियान की शुरुआत हुई और पार्टी के नेता दलित बस्तियों में गये।