Move to Jagran APP

विघटनकारी शक्तियों के खिलाफ लखनऊ से शुरू हो जंग: वीके सिंह

देश व समाज को जाति-धर्म के नाम पर बांटने वाली विघटनकारी शक्तियों के खिलाफ लखनऊ से जंग की शुरुआत हो तो बेहतर होगा। क्योंकि लखनऊ में ही वर्ष 1857 में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 07:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 07:30 PM (IST)
विघटनकारी शक्तियों के खिलाफ लखनऊ से शुरू हो जंग: वीके सिंह

लखनऊ। देश व समाज को जाति-धर्म के नाम पर बांटने वाली विघटनकारी शक्तियों के खिलाफ लखनऊ से जंग की शुरुआत हो तो बेहतर होगा। क्योंकि लखनऊ में ही वर्ष 1857 में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी। किसी तरह युद्ध जीते अंग्रेजों ने सबसे पहले भारतीयों को जाति व धर्म के नाम पर बांटने का काम किया ताकि वह आराम से शासन कर सकें। आज फिर विघटनकारी शक्तियां हमें जाति व धर्म के नाम पर बांटकर आतंक फैला रही हैं। ऐसे में जरूरत है कि बेगम हजरत महल की तरह ही एक बार फिर जंग छेड़ी जाए और इसकी शुरुआत लखनऊ के नागरिक करें तो अच्छा होगा। यह विचार विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने व्यक्त किए। वह आज लखनऊ में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 16वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में पांच देश के वर्तमान व पूर्व राष्ट्राध्यक्ष व 61 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद हिस्सा ले रहे हैं।

loksabha election banner

विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि लखनऊ से अगर यह जंग छिड़ी तो पूरे विश्व में इसका जोरदार संदेश जाएगा। उन्होंने लखनऊ शहर की प्रसंशा की और कहा कि 18वीं शताब्दी में अगर देखें तो लखनऊ विश्व का सबसे धनाढ्य व खूबसूरत शहर था। ऐसा खुद अंग्रेज इतिहास में लिखकर गए हैं। उन्होंने कहा कि समाज व देश को धर्म और जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हमें संकुचित दायरे में समेट रहे हैं। इससे ऊपर उठकर हमें देश, विश्व व संपूर्ण मानव जाति की भलाई के लिए सोचना होगा। उन्होंने कहा कि जब कोई त्रासदी आती है तो बचाव का एकमात्र उपाय सिर्फ सेना ही होती है। सेना में भी हम और आप जैसे ही लोग होते हैं, लेकिन वह जाति और धर्म के बारे में नहीं सोचते वह केवल देश की भलाई के लिए ही काम करते हैं इसलिए सफल होते हैं।विश्व बंधुत्व को आगे बढ़ाना

विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि भारत के संविधान का मूल आधार ही विश्व एकता व बंधुत्व को आगे बढ़ाना है। हम इसे बेहतर ढंग से आगे बढ़ाने का काम करेंगे। कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति कगामा मोटलैन्थे ने कहा कि ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित कल के लिए हमें आज से ही प्रयास करने चाहिए। बेहतर ढंग से विकास तभी हो पाएगा जब विश्व में शांति रहे। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएम अहमदी ने कहा कि असमानता को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए गए हैं और इस खाई को पाटने की कोशिशें लगातार जारी हैं, लेकिन हम सभी को मिलकर विश्व एकता के लिए प्रयास करना होगा।

विश्व एकता मार्च से शांति संदेश

लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) द्वारा विश्व एकता मार्च निकालकर विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित कल के लिए शांति कायम रखने का संदेश दिया गया। सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी ने कहा कि बमों के जखीरे से कुछ नहीं होगा, अगर हमें आगे बढऩा है तो विश्व शांति बनानी होगी। इसमें विश्व भर के पांच देशों से आए पूर्व व वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष और 61 देशों से आए मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश शामिल हुए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.