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लखनऊ जिला न्यायालय में बमबाजी मामले में बार एसोसिएशन के महासचिव जीतू गिरफ्तार

13 फरवरी को वर्चस्व को लेकर कचहरी में वकीलों के दो गुट आमने-सामने आ गए थे। तभी एक पक्ष ने दूसरे पर सुतली बम से हमला किया था।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 12:47 PM (IST)
लखनऊ जिला न्यायालय में बमबाजी मामले में बार एसोसिएशन के महासचिव जीतू गिरफ्तार
लखनऊ जिला न्यायालय में बमबाजी मामले में बार एसोसिएशन के महासचिव जीतू गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ जिला न्यायालय में बम फेंकने के मामले में लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव जीतू यादव को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें, बीती 13 फरवरी को वर्चस्व को लेकर कचहरी में वकीलों के दो गुट आमने-सामने आ गए थे। पहले गाली-गलौज फिर देखते ही देखते जमकर मारपीट हुई। तभी एक पक्ष ने दूसरे पर सुतली बम से हमला किया। हालांकि, इसमें किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। 

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लखनऊ बार एसोसिएशन के संयुक्त महामंत्री संजीव लोधी ने महामंत्री जीतू यादव समेत छह पर नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ जानलेवा हमले की एफआइआर कराई थी। उधर, जीतू यादव पर बार एसोसिएशन की बैठक के दौरान हमला हुआ था। जीतू ने अज्ञात पर एफआइआर कराई है। वहीं, संजीव के साथी श्याम ने मारपीट का आरोप लगा जीतू यादव समेत अन्य पर रिपोर्ट कराई है। 

वकीलों में मारपीट मामले में जांच समिति गठित 

लखनऊ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के दो गुटों के बीच पहले सिविल कोर्ट एवं उसके बाद लखनऊ बार एसोसिएशन में घटित मारपीट की घटना का बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने गंभीरता से लेते हुए नौ सदस्यीय जांच समिति गठित की। यह जांच समिति आगामी एक मार्च तक बार कौंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

वर्चस्व को लेकर गत 13 फरवरी को बमबाजी एवं मारपीट की घटना ने न्याय प्रशासन के साथ-साथ पुलिस सुरक्षा को भी चुनौती दी थी। घटना की जानकारी मिलते ही बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने दोनों घटनाओं की निंदा करते हुए कहा है कि प्रकरण बहुत ही गंभीर है। चेयरमैन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिला एवं सत्र न्यायालय में गुरुवार को लखनऊ बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव संजीव लोधी पर सुतली बम से हमला किया गया। पटाखा बम फटने से संजीव लोधी समेत चार वकील घायल हुए। इसके बाद संजीव लोधी के गुस्साए साथियों ने आरोपी महामंत्री जीतू यादव को उनके चैम्बर में पीट दिया था।

 

प्रवेश द्वारों की जांच

दीवानी न्यायालय स्थित सेंट्रल बार एसोसिएशन के पीछे देशी बम फेकने की घटना को अदालत की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाने के परिणाम स्वरूप शुक्रवार को पुलिस की सख्ती के चलते कोई बाहरी व्यक्ति बिना परिचय पत्र के अदालत में प्रवेश नहीं कर पाया। न्यायालय परिसर में भीड़ एवं जमावड़ा देखने को नहीं मिली। न्यायालय सुरक्षा समिति की सख्ती एवं समिति के प्रभारी अपर जिला जज मुकेश सिंह की कार्यवाही का असर सुरक्षा कर्मियों में देखा गया। पुराने उच्च न्यायालय से लेकर दीवानी न्यायालय के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस बल एवं पीएसी तैनात रही।


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