एटीएस ने जाली पासपोर्ट धंधे के छह जालसाज दबोचे, 73 पासपोर्ट बरामद
एटीएस ने हाईस्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए पासपोर्ट पर इमीग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड (इसीएनआर) की मुहर लगवाकर विदेश भेजने वाले छह जालसाजों की गिरफ्तार किया है।
लखनऊ (जेएनएन)। खाड़ी देशों में वर्क वीजा के लिए कम से कम दसवीं पास होना जरूरी है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने हाईस्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए पासपोर्ट पर इमीग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड (इसीएनआर) की मुहर लगवाकर विदेश भेजने वाले छह जालसाजों की गिरफ्तारी की है। इन जालसाजों के कब्जे से 73 पासपोर्ट, लैपटॉप, कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
एटीएस के आइजी असीम कुमार अरुण को यह सूचना मिली थी कि लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में ऐसा गिरोह सक्रिय है जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा है। इस सूचना पर एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की टीम को सक्रिय किया गया। छानबीन में पता चला कि एजेंटों व पासपोर्ट कार्यालय के कर्मचारियों की मिली भगत से पैसा लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाये जा रहे हैं और कुछ लोगों के सामान्य पासपोर्ट को जाली दस्तावेजों के आधार पर इसीएनआर पासपोर्ट में तब्दील कराया जा रहा है।
गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र और आइजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि सोमवार को छापेमारी में लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के अशर्फाबाद निवासी मोहम्मद मारुफ, कैसरबाग क्षेत्र के घसियारी मंडी निवासी मोहम्मद फैसल, अमीनाबाद के कर्नल की लाट निवासी मोहम्मद जावेद नकवी व नजीराबाद निवासी अरमान खान और एलडीए कालोनी निवासी कुलविंदर सिंह और हुसैनगंज निवासी शोएब अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शोएब अंसारी को छोड़कर बाकी पांच इसीएनआर के धंधे में सक्रिय थे, जबकि शोएब फोटोशॉप के जरिए फर्जी मार्कशीट बनाने का काम करता था।
बिना मुहर लगे नहीं जा सकते विदेश
खाड़ी देशों में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों को इमीग्रेशन चेक से गुजरना होता है। यदि उनके पासपोर्ट पर इसीएनआर की मुहर न लगी हो तो इन देशों में रोजगार के लिए नहीं जा सकते। मसलन बहरीन, ब्रूनेई, कुवैत, जार्डन, लीबिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएई आदि देश प्रमुख हैं।
एडीजी एलओ ने की पुरस्कार की घोषणा
अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने एटीएस टीम की उपलब्धि पर पुरस्कार देने की घोषणा की है। टीम के एएसपी राजेश साहनी, उपनिरीक्षक केएम राय, संजय कुमार, सुनील कुमार सिंह, दिनेश शर्मा, सुरेश चंद्र, तनवीर अहमद, मनोज कुमार और मनीष कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दो सौ से अधिक को भेजा
जालसाजों ने अब तक करीब दो सौ से अधिक लोगों को फर्जी अंकपत्र के जरिए खाड़ी देशों में नौकरी के लिए भेजने का काम किया है।
पासपोर्ट दफ्तर के कर्मचारी होंगे गिरफ्तार
पासपोर्ट में फर्जीवाड़े के अलावा इससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है, क्योंकि जिन व्यक्तियों को चेक होना चाहिए वे इससे बच जाते हैं। पासपोर्ट कार्यालय का स्टाफ भी संदेह के घेरे में है। वहां के पांच कर्मचारियों के बारे में छानबीन की जा रही है। जिन्होंने फर्जी तरीके से इसीएनआर लगवाई है उन्हें चिह्नित कर गिरफ्तार किया जाएगा।- असीम अरुण, आइजी, एटीएस, उप्र