उन्नाव के आतंकी गाजीबाबा के चार करीबियों पर एटीएस का ई-पहरा
जालंधर से पकड़े गए आतंकी गाजी बाबा उर्फ मुजम्मिल का पैतृक घर उन्नाव होने से सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई है। एटीएस ने गाजी बाबा के चार करीबियों पर पहरा बैठा दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। जालंधर से पकड़े गए आतंकी गाजी बाबा उर्फ मुजम्मिल का पैतृक घर उन्नाव होने से सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई है। एटीएस ने गाजी बाबा से पूछताछ में मिले साक्ष्य और सर्विलांस से ट्रेस संदिग्ध नंबरों के आधार पर चार लोगों पर पहरा बैठा दिया है। सूत्रों के मुताबिक इन चारों का पिछले दिनों कानपुर में पकड़े गए आतंकियों से भी संपर्क था।
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20 अप्रैल को यूपी एटीएस की संयुक्त टीम में छापेमारी कर देश भर से कई संदिग्ध आंतकियों को पकड़ा था। इसके बाद मार्च में पकड़े गए आतंकियों से उनके कनेक्शन और उनसे जुड़े लोगों के विषय में पड़ताल कर रही है। इसमें उन्नाव कंजी निवासी गाजी बाबा उर्फ मुजम्मिल उर्फ जीशान के कुछ संपर्क में आए लोगों का संबंध संदिग्ध आतंकियों का सरगना गौस मोहम्मद व आतिफ से होने की बात सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक अब सुरक्षा एजेंसी सक्रिय हो गई है और इन लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। इसके पीछे मकसद उनके अन्य साथियों तक पहुंचने और इनकी संलिप्तता खुरासान मॉड्यूल से किस हद तक है, पता लगाना है। सुरक्षा एजेंसी ने उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात व फतेहपुर में इनके रिश्तेदारों के घर निगरानी बढ़ा दी है।
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छह संदिग्धों से सुरक्षा एजेंसी ने की पूछताछ
कानपुर में पकड़े गए आतंकियों व जालंधर में शिकंजे में आए गाजी बाबा से जुड़े छह संदिग्ध युवकों को सुरक्षा एजेंसी ने बुधवार देर रात उन्नाव, कानपुर नगर और देहात से हिरासत में लिया गया। जांच में आतंकी गतिविधियों में उनकी भूमिका न मिलने पर घर वापसी कार्यक्रम के तहत प्रक्रिया शुरू कर दी गई। भटके हुए इन लोगों को परामर्श देकर मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। सुरक्षा एजेंसी ने खुरासान माड्यूल से जुड़े छह संदिग्ध लोगों को ट्रेस किया जिसमें से उन्नाव के दो, शहर से तीन और कानपुर देहात से एक को पूछताछ के लिए उठाया गया।
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सूत्रों के मुताबिक इन लोगों का कनेक्शन संदिग्ध आतंकियों के साथ उन्नाव के संदिग्ध आतंकी गाजीबाबा से होने की बात सामने आई, लेकिन ग्रुप में सक्रियता प्रमाणित नहीं हुई। हालांकि पूछताछ में इनका झुकाव आइएसआइएस की तरफ सामने आया। इसके चलते सुरक्षा एजेंसी ने एटीएस के घर वापसी कार्यक्रम (डी-रेडिक्लाइजेशन) के तहत काउंसलिंग शुरू कर दी। सभी संदिग्धों को करीब पांच घंटे तक पूछताछ करने के बाद सुरक्षा एजेंसी ने छोड़ दिया।
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