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यूपी में बाढ़ की तबाही से बचाव के लिए सेना बुलाई, 12 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में बड़े हिस्से में बाढ़ से तबाही मची है। खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियों के रौद्र रूप से हजारों गांव टापू बन चुके हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 10:50 PM (IST)
यूपी में बाढ़ की तबाही से बचाव के लिए सेना बुलाई, 12 लोगों की मौत
यूपी में बाढ़ की तबाही से बचाव के लिए सेना बुलाई, 12 लोगों की मौत

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में बड़े हिस्से में बाढ़ से तबाही मची है। खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियों के रौद्र रूप से हजारों गांव टापू बन चुके हैं। लोग जहां बेघर हुए वहीं फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं है। बचाव कार्य के लिए सेना को बुला लिया गया है। बाढ़ की विभीषिका ने गुरुवार को 12 लोगों की जान ले ली। नेपाल के एल्गिन डैम से गत छोड़ा गया पानी खतरा बना है। करीब एक दर्जन जिलों में सुरक्षित क्षेत्रों के लिए लगातार पलायन जारी है।  भारत-नेपाल मैत्री बस एक सप्ताह से फंसी है।

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बलरामपुर में एक व्यक्ति लापता है। गुरुवार को गोंडा, श्रावस्ती, बाराबंकी में एक-एक और बलरामपुर व बहराइच में डूबने से दो-दो लोगों की मौत हो गई। गोंडा के नवाबगंज में सोती नाले के पास बाढ़ के पानी में डूबकर एक बालक की मौत हो गई, जबकि एैली परसौली में दस परिवारों के कच्चे मकान सरयू नदी में समा गए। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंचीं। बहराइच में नानपारा, मिहींपुरवा, महसी, कैसरगंज तहसीलों में घाघरा का कहर जारी है। जिले में चार लोगों की डूबकर मौत हो गई। बाराबंकी में घाघरा नदी का पानी खतरे के निशान 106.07 से एक मीटर ऊपर बह रहा है। बाढ़ के पानी से तटवर्ती करीब डेढ़ सौ गांवों में पानी भरा है। बाढ़ क्षेत्र में एक बालक की सर्प दंश से तथा एक व्यक्ति की डूबकर मौत हो गई।

लखीमपुर में बारिश के बाद उफनाई घाघरा व शारदा ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। श्रावस्ती में जमुनहा ब्लॉक के घुमना गांव में घर के आंगन में भरे पानी में डूबकर चार वर्षीय बालक की मौत हो गई। कटान तेज है। बलरामपुर में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। अंबेडकरनगर में घाघरा का पानी टांडा तहसील और गांवों की ओर बढ़ रहा है।

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गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिले बाढ़ की चपेट में हैं। घाघरा, राप्ती, गोर्रा, रोहिन, घोंघी आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। कुशीनगर में कई जगह बांध टूटने व रिसाव के चलते गांव-कस्बों में पानी घुस गया है। मानीराम में सोनौली हाईवे डूबने से नेपाल, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के कई हिस्से गोरखपुर से कट गए हैं। आवागमन बंद है। पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसएसबी बचाव राहत कार्य में लगी है। राशन पहुंचाने के लिए सेना के हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। गोरखपुर जिले में भी स्थिति बिगडऩे पर सेना बुलाई गई है। 

महराजगंज के बृजमनगंज में हाता बेला हरैया गांव की किरन, अनिता और पूनम की घोंघी नदी में डूबने से मौत हो गई। डोमरा-जर्दी बांध छह जगहों पर टूट गया है।

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सिद्धार्थनगर में जमुआर नाले का स्तर भी रिकार्ड तोड़ चुका है। शहर से लेकर जिले भर के तकरीबन 200 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 85 गांव को टापू घोषित किया जा चुका है। सेना के हेलीकाप्टर से मदद पहुंचाई जा रही है। बरहज नगर के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है। परसिया देवार तटबंध के ओवर फ्लो से कई गांव टापू बन गए हैं। बस्ती में 41 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। संतकबीरनगर में घाघरा और राप्ती  खतरे के निशान से ऊपर हैं। कुशीनगर में कई संपर्क मार्ग कटे हैं। पूर्वांचल के बलिया में घाघरा का पानी अब गांवों में प्रवेश करने लगा है। आजमगढ़ में बाढ़ से महुला से लेकर हैदराबाद तक 25 गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं।

तस्वीरों में देखें-यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ का खतरा


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