आसाराम प्रकरण : नारायण के कस्टडी रिमांड को चुनौती देने वाली अर्जी निरस्त
आसाराम प्रकरण के गवाह रहे कृपाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार नारायण पांडेय के पुलिस कस्टडी रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी को शाहजहांपुर की अदालत ने निरस्त कर दिया। कस्टडी रिमांड की अवधि दो अगस्त को खत्म होगी।
लखनऊ। आसाराम प्रकरण के गवाह रहे कृपाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार नारायण पांडेय के पुलिस कस्टडी रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी को शाहजहांपुर की अदालत ने निरस्त कर दिया। कस्टडी रिमांड की अवधि दो अगस्त को खत्म होगी। दस जुलाई की रात शहर के ग्वालटोली क्षेत्र में बाइक सवार बदमाशों ने मुहल्ला गदियाना निवासी कृपाल ङ्क्षसह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कृपाल ने मृत्यु पूर्व बयान में संजय, राघव और अर्जुन को वारदात अंजाम देने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। ये तीनों आसाराम के खास गुर्गों में शुमार हैं। कृपाल मर्डर केस के सिलसिले में पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर से आसाराम के गुर्गे मूल रूप से कानपुर के नौबस्ता थानांतर्गत हंसपुरम में रहने वाले नारायण पांडेय उर्फ पुष्पेंद्र को दबोच लिया था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जिला कारागार भेज दिया गया था। कोर्ट ने पुलिस के प्रार्थना पत्र पर नारायण पांडेय को पांच दिन की कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया था। नारायण पांडेय के अधिवक्ता ने पुलिस कस्टडी रिमांड संबंधी आदेश को जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी। शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर छह) की अदालत में सुनवाई की गई। कोर्ट ने अर्जी को पंजीकरण से पूर्व ही निरस्त कर दिया।