मुख्यमंत्री योगी का एक और आदेश, हफ्ते भर में फिजूलखर्ची पर रोक लगायें विभाग
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के लिए फरमान जारी किया कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा करके फिजूलखर्ची पर रोक लगायें।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के लिए फरमान जारी किया कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित परियोजनाओं की एक हफ्ते में समीक्षा करके फिजूलखर्ची रोकने का काम करें। यह भी सुनिश्चित करें कि परियोजना को निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ चेतावनी दी कि जनता की गाढ़ी कमाई लूटने नहीं देंगे। इसके पहले आज सुबह अचानक गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने पहुंचे और इस परियोजना में अपव्यय और खामियों को देखकर बिफर पड़े।
सोमवार को योगी सुबह से शाम तक सक्रिय रहे और कई महत्वपूर्ण मामलों की समीक्षा की। वह रिवर फ्रंट से लौटने के बाद एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में बैठे। दोपहर में वीवीआइपी गेस्ट हाऊस गए और वहां से वापस लौटकर शाम को भी काम काज निपटाते रहे। इसके पहले कई मंत्रियों और अफसरों के साथ उन्होंने कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार परियोजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को हर हाल में बंद करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। परियोजनाओं को जनोपयोगी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बावजूद प्रदेश में गंदे नालों को नदियों में गिरने से रोकने की दिशा में बहुत कम काम हुआ है। अधिकारियों की तैयारियों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अफसरों से जानना चाहा कि परियोजनाओं पर अनावश्यक खर्च रोकने के लिए कौन से काम पहले पूरे किये जाएं। इसकी कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।
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जेलों के भ्रष्टाचार पर लगे अंकुश
पंचम तल पर बैठने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रमुख सचिव गृह व कारागार देबाशीष पंडा, डीजीपी जावीद अहमद समेत कई अधिकारियों के साथ विमर्श कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जेलों में गड़बड़ी रोकने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने रविवार रात और सोमवार को प्रदेश में हुई घटनाओं की अपडेट जानकारी लेते हुए कानून-व्यवस्था पर किसी भी तरह का समझौता न करने पर जोर दिया। सचिव गृह/कारागार मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि फर्रुखाबाद जिला कारागार में बवाल और वहां जेलर की भूमिका संदिग्ध होने पर उन्हें निलंबित किया गया है। जेलों में खान-पान की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के साथ ही आइजी जेल और सभी जेलों के सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिये गए हैं कि जेलों में भ्रष्टाचार न पनपने दिया जाए। उन्होंने बताया कि 12 कारागारों में जैमर लग गए हैं और 12 में जल्द प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
माफिया के दबाव से मुक्त हो आबकारी विभाग
मुख्यमंत्री ने आबकारी मंत्री राजकुमार जयप्रताप सिंह से मुलाकात कर उन्हें विभाग में पारदर्शिता लाने और गुंडे-माफिया के दबाव से इस विभाग को मुक्त करने के निर्देश दिए। आबकारी मंत्री ने अपनी कार्ययोजना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।