उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश की ओर बढ़ीं अमेरिकी कंपनियां
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल ने यहां निवेश के प्रति रुचि दिखानी शुरू कर दी थी।
लखनऊ (हरिशंकर मिश्र)। भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबधों में उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम होने जा रही है। यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल ने यहां चिकित्सा स्वास्थ्य समेत कई अन्य क्षेत्रों में बड़े निवेश में गहरी रुचि दिखाई है और सरकार भी उनके प्रस्तावों को लेकर गंभीर है। गुरुवार को सरकार और कौंसिल के प्रतिनिधियों की बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।
शास्त्री भवन में दोपहर दो बजे से होने वाली इस बैठक में कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के दक्षिण एशिया में तैनात अधिकारी शामिल होंगे। सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह करेंगे। मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, पर्यटन एवं आइटी समेत कई अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल ने यहां निवेश के प्रति रुचि दिखानी शुरू कर दी थी। गत जून माह के पहले हफ्ते में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बाबत प्रजेंटेशन भी दिया था। इसमें मुख्य रूप से चिकित्सा, स्वास्थ्य, खाद्य प्रसंस्करण, पेयजल, टेक्नोलॉजी, पर्यटन आदि क्षेत्रों में सहयोग का इरादा जताया गया था। इसी कड़ी को सरकार ने अब आगे बढ़ाया है।
काउंसिल भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को प्रोत्साहन देने का काम करती है। इसके तहत ही कई क्षेत्रों में काम के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। मुख्य फोकस चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर है। इस कड़ी में गुरुवार को हेल्थ केयर में अग्रणी कंपनी जीई के साउथ एशिया वाइस प्रेसीडेंट विभव गर्ग अपने प्रस्ताव रखेंगे।
जीई पीपीपी मॉडल पर हेल्थ केयर में भागीदारी को उत्साहित है। इसके अलावा हृदय रोगों पर काम कर रही कंपनी मेडट्रोनिक्स प्रदेश में कार्डियक सेंटर के साथ ही कमजोर वर्ग व गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए भारी छूट के साथ उपचार का प्रस्ताव रखेगी।
एक अन्य कंपनी वेरियन कैंसर के उपचार के लिए प्रदेश में रेडियो थेरेपी कैंसर एक्सेस सॉल्यूशन की संभावनाएं देख रही है। इस बैठक में इलाहाबाद स्वच्छ पेयजल के लिए 'वॉटर हेल्थ' के प्रस्तावों पर भी सहमति जताई जा सकती है।
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इस कंपनी ने इलाहाबाद नगर निगम के साथ नगर क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं कि प्रदेश में निवेश के लिए बेहतर वातावरण हुआ है इसलिए कई कंपनियां सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती हैं। इससे प्रदेश की तस्वीर बदलेगी।
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