इलाहाबाद विवि में तीन गुना बढ़ी फीस, हर छात्र का होगा बीमा
स्नातक के पाठ्यक्रमों की फीस अब 924 रुपये से बढ़कर 2975 रुपये हो गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वविद्यालय अब कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर डेवलेपमेंट चार्ज भी वसूलेगा।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने स्नातक, परास्नातक और शोध पाठ्यक्रमों की फीस में लगभग तीन गुना वृद्धि कर दी है। सबसे ज्यादा वृद्धि ट्यूशन व परीक्षा शुल्क के मद में की गई है। स्नातक के पाठ्यक्रमों की फीस अब 924 रुपये से बढ़कर 2975 रुपये हो गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वविद्यालय अब कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर डेवलेपमेंट चार्ज भी वसूलेगा।
इस मद में 300 रुपये शुल्क लिया जाएगा। हालांकि छात्र-छात्राओं की बहुप्रतीक्षित सामूहिक बीमा की मांग को डेवलेपमेंट चार्ज में ही समायोजित कराने की तैयारी है। यानी अब विश्वविद्यालय के हर छात्र को सामूहिक बीमे का लाभ मिल सकेगा। फीस वृद्धि के इस प्रस्ताव को एकेडमिक व एक्जक्यूटिव काउंसिल से भी मंजूरी मिल चुकी है। यह फीस वृद्धि शैक्षिक सत्र 2017-2018 से लागू होगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लंबे समय से कोई फीस वृद्धि नहीं की गई थी। नतीजतन विश्वविद्यालय अपने खर्चों के लिए भी यूजीसी ग्रांट पर निर्भर था। बिजली, भवन कर आदि मद में होने वाले खर्चों को लेकर विश्वविद्यालय पर लगातार दबाव था। लिहाजा विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल और फिर एक्जक्यूटिव काउंसिल ने फीस वृद्धि के निर्णय पर मुहर लगा दी है। स्नातक पाठ्यक्रमों में पहले 12 रुपये ट्यूशन फीस लगती थी। इसे बढ़ाकर अब 100 रुपये कर दी गई है।
परास्नातक पाठ्यक्रमों में 15 रुपये से 150 रुपये व शोध में 18 रुपये से 200 रुपये कर दी गई है। इस तरह स्नातक के छात्र-छात्राओं को अब 924 की बजाय 2975 रुपये फीस देनी होगी। प्रायोगिक विषयों के छात्रों को 150 रुपये अलग से देना होगा। डेवलेपमेंट चार्ज से बिजली, पानी, साफ-सफाई, हाउस टैक्स आदि के साथ साथ सामूहिक बीमे का रास्ता खुलेगा। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है।