आतंकी घुसपैठ को लेकर नेपाल सीमा पर अलर्ट
संकेत मिले हैं कि नेपाल में राहत पहुंचाने की आड़ में इंडियन मुजाहिदीन, सिमी और अन्य भारत विरोधी संगठनों के आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने इस बारे में उप्र सरकार को आगाह किया है। नेपाल सीमा पर सटे उत्तर प्रदेश के सातों जिलों
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। संकेत मिले हैं कि नेपाल में राहत पहुंचाने की आड़ में इंडियन मुजाहिदीन, सिमी और अन्य भारत विरोधी संगठनों के आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने इस बारे में उप्र सरकार को आगाह किया है। नेपाल सीमा पर सटे उत्तर प्रदेश के सातों जिलों में अलर्ट किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक एटीएस रामकुमार ने बताया कि नेपाल सीमा के जिलों में सतर्कता बरती जा रही है। एसएसबी, स्थानीय पुलिस व एटीएस के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां सब पर नजर रख रही हैं। इससे पहले हमेशा से आतंकी नेपाल और भारत की खुली सीमा का लाभ उठाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, बहराइच व पीलीभीत जिलों की सीमा नेपाल से लगी है। यहां पर कई जगह चेकपोस्ट बने हैं, लेकिन अधिकांश खुली सीमा ही है। एसएसबी और पुलिस के अलावा तमाम सुरक्षा एजेंसियां यहां पर तैनात रहती हैं। मौजूदा समय में हालात इतने खराब हैं कि जांच-पड़ताल संभव नहीं है। ऐसे में इंटेलीजेंस ब्यूरो ने राज्य सरकार को आतंकी संगठनों से सजग रहने को आगाह किया है।
संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान में प्रशिक्षित सिमी के सदस्य राहतकर्मी के वेश में नेपाल में घुसपैठ कर उप्र और बिहार में प्रवेश कर सकते हैं। उप्र में ये संगठन लगातार अपनी मुहिम में असफल हो रहे हैं। इसलिए यह उप्र में अपनी गतिविधि तेज करने की फिराक में हैं। वर्ष 2007 में फैजाबाद, वाराणसी और लखनऊ की कचहरियों में विस्फोट के आरोपी तारिक कासमी को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद इनके संगठनों का आक्रोश बढ़ा है। इसको लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है।