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अचानक मुख्यमंत्री अखिलेश को बुलाकर राज्यपाल ने मांगी सारी जानकारी

राजभवन से आज अचानक बुलावा आने पर मुख्यमंत्री खौफ, आशंका और असमंजस में फंसे नौजवानों को सब ठीक का संदेश देकर निकल गए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 05:37 PM (IST)
अचानक मुख्यमंत्री अखिलेश को बुलाकर राज्यपाल ने मांगी सारी जानकारी

लखनऊ (जेएनएन)। राजभवन से आज अचानक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक का बुलावा आने पर मुख्यमंत्री खौफ, आशंका और असमंजस में फंसे नौजवानों को सब ठीक का संदेश और तीन नवंबर को लखनऊ आने का न्यौता देकर निकल गए। इस मुलाकात को राजभवन ने शिष्टाचार भेंट बताया। इस दौरान अखिलेश ने राज्यपाल को दीपावाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राजभवन में करीब 45 मिनट बिताए।

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मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को सरकार और सपा में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के साथ ही डेंगू पर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में विस्तार से बताया। आज दोपहर लगभग एक बजे अपने सरकारी आवास पर समर्थकों की बैठक बीच में अचानक छोड़कर मुख्यमंत्री राजभवन पहुंचे। दोनों की पौन घंटे की मुलाकात को राजभवन प्रवक्ता ने शिष्टाचारिक भेंट बताया। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मिलने का समय नहीं मांगा था बल्कि राज्यपाल ने ही सूबे में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्हें बुलाया था।

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सूत्र बताते हैं कि पिछले डेढ़ माह के सियासी उठापटक पर बारीक नजर रखे राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से उनके मंत्रिमंडल की स्थिति, सरकार के कामकाज और समाजवादी पार्टी में इन दिनों के घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा वन राज्यमंत्री तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय को मंत्री पद से बर्खास्त करने संबंधी बुधवार को लिखे पत्र के बारे में भी जानकारी दी। हालांकि मुख्यमंत्री ने पवन पांडेय को मंत्रिमंडल से बाहर करने के लिए न कोई संस्तुति पत्र राज्यपाल को सौंपा और न ही देर रात तक राजभवन भेजा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने लिखित तौर पर राज्यपाल को विधायकों के समर्थन संबंधी कोई पत्र भी नहीं सौंपा और न ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से इस तरह कीलिखित जानकारी मांगी थी।

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डेंगू पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा मंगलवार को दिए गए कड़े आदेश के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को डेंगू से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया। राजभवन से निकलने से पहले मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दीपावली की हार्दिक बधाई भी दी। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद देर शाम राज्यपाल नाईक ने फिर दोहराया कि राज्य में किसी तरह का कोई संवैधानिक संकट नहीं है।

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तीन नवंबर को आएं, पांच के बाद जाएं

समाजवादी परिवार में महासंग्राम शुरू होने के बाद से ही सुबह-शाम मुख्यमंत्री आवास पर सैकड़ों नौजवानों के जुटने का सिलसिला भी था। युवा ब्रिगेड की अग्रणी पंक्ति के कुछ युवकों को मुख्यमंत्री आवास के अंदर बुलाया गया, भीड़ बढऩे लगी तो लाउडस्पीकर से एलान किया कि सेंट्रल हाल (जन सुनवाई हाल) में पहुंचे, वहीं मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी। थोड़ी देर में हाल भर गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहुंचे। नारेबाजी शुरू हुई। यादव ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी और परिवार में सब ठीक है। आप लोग जाइए। तीन नवंबर से लामार्टिनियर मैदान से विकास से विजय की ओर समाजवादी रथ यात्रा शुरू होगी, जिसमें हिस्सा लेने के लिए आना है। फिर पांच नवंबर को रजत जयंती में हिस्सा लेकर वापस लौटना है।

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अचानक राजभवन से बुलावा

मुख्यमंत्री ने कुछ लोगों के प्रार्थना पत्र लिए और अचानक राजभवन से बुलावा आने पर वहां के लिए लिए निकल गये। कहा कि आप लोग जाइए। बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ रथ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा की और रोड मैप को अंतिम रूप दिया। सरकार के मंत्री व ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश की इस विजय यात्रा के हर पड़ाव पर युवाओं किसानों का जमावड़ा होगा। मुख्यमंत्री जन सामान्य से संवाद करेंगे। यह यात्रा प्रदेश की राजनीति में परिवर्तनकारी दिशा होगी जिसकी पृष्ठभूमि में जयप्रकाश नारायण की व्यवस्था परिवर्तन की हुंकार होगी। यात्रा प्रदेश के कोने-कोने तक जाएगी। चौधरी का कहना है कि वर्ष 2012 के घोषणा पत्र में जो भी वादे थे, उन्हें पूरा कर दिया गया।

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निष्कासित एमएलसी भी शामिल

समाजवादी पार्टी से निष्कासित चल रहे एमएलसी सुनील यादव साजन, आनंद भदौरिया, संजय लाठर समेत जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के 20 से अधिक सदस्य विकास रथ यात्रा की तैयारी बैठक में मौजूद थे। सपा से निष्कासित एमएलसी ट्रस्ट के सदस्य के रूप में वहां गये थे।


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