आज रिटायर हो रहे प्रमुख सचिव आलोक रंजन, बनेंगे मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार
मुख्य सचिव आलोक रंजन पहली जुलाई से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुख्य सलाहकार के तौर पर अपनी नई पारी शुरू करेंगे। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल होगा।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्य सचिव आलोक रंजन पहली जुलाई से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुख्य सलाहकार के तौर पर अपनी नई पारी शुरू करेंगे। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल होगा। 30 जून को रंजन के सेवानिवृत होने पर मुख्य सचिव पद का दायित्व कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) प्रवीर कुमार संभालेंगे। चूंकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को लंदन जा रहे हैं इसलिए नये मुख्य सचिव की तैनाती उनके लौटने के बाद ही होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री के चार जुलाई को लौटने की संभावना है।
दरअसल, वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जावेद उस्मानी को हटाकर आलोक रंजन को मुख्य सचिव बनाया था। सूबे की नौकरशाही के मुखिया की कुर्सी संभालने के बाद से ही रंजन और सरकार के बीच तालमेल और सामंजस्य बढ़ता गया। इस कदर कि बीती 31 मार्च को आइएएस से रंजन की सेवानिवृत्ति से पहले ही राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध कर उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिलाया। अब और सेवा विस्तार लेने से इन्कार करने के कारण रंजन 30 जून को आइएएस से सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
हालांकि बीते लगभग दो वर्षों के दौरान राज्य सरकार की प्राथमिकताओं वाली मेट्रो, एक्सप्रेसवे, सीजी सिटी आदि विकास योजनाओं की सघन निगरानी कर उन्हें गति देने वाले रंजन के अनुभव का उपयोग सरकार चुनावी साल में भी करते रहना चाहती है। लिहाजा मुख्यमंत्री उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बनाने जा रहे हैं। इस संबंध में 30 जून से पहले ही विधिवत आदेश जारी होने की पूरी संभावना है। नयी भूमिका में रंजन सरकार की प्राथमिकताओं वाली योजनाओं को तेज रफ्तार देते रहेंगे ताकि चुनाव से पहले ही उन्हें अमली जामा पहनाया जा सके।
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उधर, पहली जुलाई से मुख्य सचिव की खाली होने वाली कुर्सी पर बैठने के लिए नौकरशाही में जोड़तोड़ तेज हो गई है। फिलहाल इस रेस में एपीसी प्रवीर कुमार और प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल के बीच करीबी मुकाबले की चर्चा है। साफ-सुथरी छवि वाले प्रवीर सत्ता शीर्ष की पहली पसंद बताये जा रहे हैं जबकि दीपक, सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री का करीबी होने के साथ-साथ हाल ही में सपा में वापसी कर राज्यसभा सदस्य बने एक वरिष्ठ नेता के नजदीक भी हैं। वैसे मुख्य सचिव पद के दावेदारों में प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर, राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ.अनिल कुमार गुप्ता भी शामिल हैं। यदि राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की कुर्सी पर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारी को बैठाना चाहा तो 1981 बैच के आइएएस अफसर अनुज कुमार बिश्नोई भी इस पद के दावेदार हो सकते हैं। बिश्नोई केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सचिव हैं।