जन अधिकार मंच के जरिए राजनीति में सक्रिय होंगे बाबू सिंह कुशवाहा
बसपा सरकार के पूर्व मंत्री व एनआरएचएम घोटाले के आरोपी बाबू ङ्क्षसह कुशवाहा अगले ही हफ्ते से पूरे प्रदेश के तूफानी दौरे पर निकलेंगे। जन अधिकार मंच के नाम से राजनीतिक पार्टी भी पंजीकृत हो चुकी है। इसी बैनर तले वे चार महीने हर जिले में जनसभाएं करके समाज को
लखनऊ। बसपा सरकार के पूर्व मंत्री व एनआरएचएम घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि हर मंच राजनीति के इरादे से ही बनाया जाता है। उनके अपनों ने जन अधिकार मंच बनाया है। अब इसी मंच के झंडे के नीचे सियायत होगी। शक्ति प्रदर्शन होगा। रैलियां भी होंगी। आज अलीगढ़ से वाया आगरा कानपुर लखनऊ जाते समय हाथरस बाईपास पर बाबू सिंह कुशवाहा पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि मंच को और मजबूती दी जाएगी। लिहाजा, पूरे प्रदेश में सभी को एकजुट किया जाएगा। आज बाबू सिंह नए अंदाज में दिखे। उन्होंने कहा कि उनका इरादा घर बैठने की बजाय प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होना है।
भविष्य की रणनीति साझा की
चार साल बाद गाजियाबाद की डासना जेल से बसपा से नाता तोडऩे के बाद बाबू सिंह कुशवाहा ने जन अधिकार मंच का गठन किया था। अब यह राजनीतिक पार्टी के रूप में दर्ज हो चुकी है। शुक्रवार शाम पूर्व मंत्री दल-बल के साथ धनीपुर मंडी पहुंचे। यहां 'साहब' (बाबू सिंह कुशवाहा) का प्रतिनिधि बताने वाले जन अधिकार मंच की युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष नगेंद्र कुशवाहा ने दैनिक जागरण के साथ भविष्य की रणनीति साझा की। कहा, 2017 के चुनाव में जन अधिकार मंच प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव में उतरेगा। राजनीतिक दलों से गठजोड़ का विकल्प भी खुला रहेगा। बता दें कि सीबीआइ ने 16 फरवरी 2012 को कुशवाहा को डासना जेल भेजा था। शुक्रवार शाम 5.26 बजे उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। उनके हजारों समर्थक जेल के बाहर सैकड़ों कारों में पहुंचे हुए थे।