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वाराणसी में बारह साल पहले मृत किसान को आपदा राहत

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि की मार से परेशान किसानों का हाल भले ही बे-हाल देखने को मिले लेकिन बारह साल पहले दुनिया छोड़ चुके किसान को आपदा राहत देने की बात सामने आए तो हर किसी को हैरानी होगी। वाराणसी में इस तरह के एक-दो नहीं, दो दर्जन से ज्यादा किसानों

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2015 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2015 08:48 PM (IST)
वाराणसी में बारह साल पहले मृत किसान को आपदा राहत

लखनऊ। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि की मार से परेशान किसानों का हाल भले ही बे-हाल देखने को मिले लेकिन बारह साल पहले दुनिया छोड़ चुके किसान को आपदा राहत देने की बात सामने आए तो हर किसी को हैरानी होगी। वाराणसी में इस तरह के एक-दो नहीं, दो दर्जन से ज्यादा किसानों के नाम आपदा राहत सूची में दर्ज किए गए हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।

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मजे की बात यह कि स्वर्गवासी किसानों के बैंक खाता का नंबर ही नहीं उन्हें आपदा राहत के मद में दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि का हवाला तक दे दिया गया है। वहीं प्रगतिशील किसानों को सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस तरह से लेखपालों की सर्वे रिपोर्ट घर बैठे आपदा राहत की सूची बनाने की पोल खुल गई है।

परानापïट्टी में कलावती की बारह साल पहले मौत हो चुकी है लेकिन आपदा राहत की सूची में उनके इलाहाबाद बैंक के खाता नंबर का भी उल्लेख किया गया है। इसी गांव के लालजी की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। इनका भी बैंक खाता नंबर दिया गया है। परानापïट्टी गांव के उन्नीस स्वर्ग सिधार चुके किसान, चौबेपुर के दो, बबियांव के दर्जनों मृत किसान आपदा राहत पाने वालों की दौड़ में शामिल हैं। इन किसानों के नाम 1500 रुपये से लेकर करीब तीन हजार रुपये तक सहायता राशि का भी उल्लेख है।

परानापïट्टी गांव के किसान गौरी शंकर मौर्य ने आरोप लगाया कि उनकी माता जगंती देवी की मौत होने और वरासत में नाम चढ़ाने के लिए आवेदन दिया गया। बावजूद इसके जगंती देवी के नाम से राहत के मद में नाम घर बैठे दर्ज कर दिया गया। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने इसे घोर लापरवाही माना है। कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लेखपालों को कठघरे में लाया जाएगा। वरासत कराकर आपदा राहत उनके वारिस को दी जाएगी। सूची से बाहर किए गए किसानों को भी शामिल किया जाएगा। केंद्र-प्रदेश सरकार से क्षतिपूर्ति की अवशेष धनराशि मिलते किसानों को वितरित होगी।

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