हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के बवाल पर हुई सुनवाई में तलब किए गए पुलिस अधिकारी
पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा हाईकोर्ट परिसर में लाठीचार्ज करने, बेकसूर अधिवक्ताओं पर बर्बरता करने और उनकी गाडिय़ां तोडऩे के विरोध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता गुरुवार को काम नहीं करेंगे। बुधवार शाम यह निर्णय अवध बार एसोसिएशन की बैठक में किया गया।
लखनऊ। हाईकोर्ट में बवाल की जिम्मेदारी तय करने के लिए सुनवाई, कोर्ट संख्या 4 में न्यायाधीशों की फुल बेंच कर रही सुनवाई, आईजी, डीआईजी, एसएसपी व्यक्तिगत रूप से तलब, कोर्ट ने उच्च न्यायालय के सीसीटीवी फुटेज भी मांगे, किन पुलिस कर्मियों ने बिना इजाजत किया लाठीचार्ज,कोर्ट परिसर में घुसकर वकीलों पर लाठीचार्ज किया।
हाईकोर्ट अधिवक्ता हड़ताल पर
पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा हाईकोर्ट परिसर में लाठीचार्ज करने, बेकसूर अधिवक्ताओं पर बर्बरता करने और उनकी गाडिय़ां तोडऩे के विरोध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता गुरुवार को काम नहीं करेंगे। बुधवार शाम यह निर्णय अवध बार एसोसिएशन की बैठक में किया गया।
अवध बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जीसी वर्मा ने कहा कि पहली बार हाईकोर्ट परिसर में घुसकर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है, जिसकी वजह से अधिवक्ता समुदाय में भारी रोष है। इस मामले के जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए व उनके स्थान पर नए अधिकारियों की तैनाती कराई जाए। अवध बार ने अधिवक्ताओं के साथ हुई बदसलूकी की जांच की भी मांग की गई। वर्मा ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य भवन के कर्मचारियों ने अधिवक्ताओं पर पत्थरबाजी की। वहीं मृतक अधिवक्ता श्रवण कुमार वर्मा के मामले में उन्होंने कहा कि अवध बार ने श्रवण के परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है लेकिन प्रशासन मात्र पांच लाख रुपये का मुआवजा देकर टरकाने का प्रयास कर रहा है। वर्तमान सरकार वर्ग विशेष के व्यक्ति की मौत पर पचास-पचास लाख रुपये तक मुआवजा बांटती है लेकिन अधिवक्ता की मौत पर दस लाख रुपये की मांग भी स्वीकार नहीं कर रही।