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यूपी के हर गांव में तैयार होगी युवाओं और युवतियों की टोली

युवा कल्याण विभाग ने पिछले दिनों बैठक करके इसका खाका तैयार किया है। हर गांव में 20 युवाओं और 20 युवतियों का दल तैयार किया जाएगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 01:04 PM (IST)
यूपी के हर गांव में तैयार होगी युवाओं और युवतियों की टोली
यूपी के हर गांव में तैयार होगी युवाओं और युवतियों की टोली

लखनऊ (जेएनएन)। एक दशक से अधिक समय से निष्क्रिय युवक मंगल दलों में सरकार फिर से जान फूंकने जा रही है। युवा कल्याण विभाग ने पिछले दिनों बैठक करके इसका खाका तैयार किया है। हर गांव में 20 युवाओं और 20 युवतियों का दल तैयार किया जाएगा। उन्हें स्थानीय स्तर पर खेलों और सांस्कृतिक आयोजनों की जिम्मेदारी दी जाएगी। अच्छा काम करने वाले दलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

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प्रदेश में इस समय युवक मंगल दल सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं। इन्हें सक्रिय करने की जिम्मेदारी ग्र्राम पंचायतों पर है लेकिन, वे पूरी तरह से उदासीन हैं। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री चेतन चौहान ने पिछले दिनों जिलों के अधिकारियों की बैठक में इनकी सक्रियता बढ़ाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों से कहा गया है कि ग्र्राम पंचायतों में बीस-बीस युवाओं और युवतियों का दल तैयार करके उनका पंजीकरण कराया जाए।

जो दल पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें सक्रिय किया जाए। इस दल को गांवों में खेलों को बढ़ावा देने के साथ ही सफाई अभियान और इंसेफ्लाइटिस जैसे रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर दल पर हफ्ते में तीन दिन खेल आयोजनों की जिम्मेदारी होगी।

मिनी स्टेडियमों को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों में फुटबाल जैसे खेलों को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाएगा।इसके साथ ही युवक मंगल दल रामलीला आदि आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। अधिकारियों से कहा गया है कि वह खेल और युवा कल्याण अधिकारियों के समन्वय से गांवों के लिए खेल कार्यक्रम निर्धारित करें।

ट्रांसफर होंगे कई स्टेडियम : चेतन चौहान
विशेष सुविधाओं से युक्त युवा कल्याण विभाग के कई स्टेडियम खेल विभाग के हवाले होंगे। इससे उनके रखरखाव के साथ ही वहां लगातार खेल गतिविधियां आयोजित हो सकेंगी। खेल मंत्री चेतन चौहान ने बताया कि बलिया, गाजीपुर, शामली, मेरठ आदि कई स्थानों पर अच्छे स्टेडियम हैं। कुछ जिलो में एस्ट्रोटर्फ और सिंथेटिक ट्रैक जैसी सुविधाएं भी हैं।

उन्हें खेल विभाग को ट्रंसफर किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन किया जा सकें। स्कूलों में भी खेलों के आयोजन अनिवार्य किए जाएंगे। हर क्रीड़ाधिकारी को निर्देश दिए गये हैं कि वह अंतरविद्यालयीय खेल जरूर कराएं। कम से कम पांच खेलों में अंतरविद्यालयीय खेल अनिवार्य किया गया है।  


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