बेटों को मात देती एक बेटी, बनी यूपी महिला टीम की कप्तान
अपनी काबिलियत के बल पर वह बीते सात मई को उत्तर प्रदेश महिला फुटबाल टीम का कप्तान बन गई। अब वह खेल के मैदान में अपने सहयोगी खिलाडिय़ों को भी बेहतर प्रदर्शन के लिए टिप्स देती है।
देवरिया [सौरभ कुमार मिश्र] । पथरदेवा नेरूबारी गांव के एक सामान्य घर में पैदा हुईं अंकिता मल्ल ने वह कर दिखाया है, जिसे करने का सपना कई लोग देखते हैं। फुटबाल खेलने का शौक अब उसका जुनून बन चुका है। बिहार, मध्य प्रदेश और देवरिया में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रति वर्ष शानदार प्रदर्शन करने के इनाम के रूप में उसे इस साल उत्तर प्रदेश महिला फुटबाल टीम का कप्तान बनाया गया है। वह इन दिनों तेलंगाना में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रही है।
अंकिता बचपन से ही खेलने में होनहार थी। गांव में उसके घर के सामने जब भी फुटबाल खेला जाता तो वह सभी लड़कों पर भारी पड़ती थी। घरवालों को क्या पता कि बचपन में दरवाजे पर फुटबाल खेल रही यह बेटी बड़ी होकर देश में नाम रोशन करेगी। प्राथमिक शिक्षा के बाद वह महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, पथरदेवा में पढऩे के साथ फुटबाल पर भी ध्यान देती रही। जब भी ब्लाक स्तरीय खेल प्रतियोगिता होती, वह हिस्सा जरूर लेती। इस बीच उसका शानदार प्रदर्शन सभी का ध्यान खींच लेता। उसका हुनर देख कॉलेज के कोच जय कुमार राव उसे खेल के मैदान में प्रशिक्षण देने लगे। वह तपकर कुंदन बन गई। अपने कॉलेज की टीम से खेलने के लिए जहां भी जाती बुलंदी का झंडा गाड़ देती। मौजूदा समय में वह स्नातक की छात्रा है।
ये हैं उपलब्धियां
2016 में भारतीय महिला फुटबाल महासंघ द्वारा बिहार के गोपालगंज, 2017 में मध्य प्रदेश व देवरिया में आयोजित प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर अंकिता ने अपनी प्रतिभा साबित की। अपनी काबिलियत के बल पर वह बीते सात मई को उत्तर प्रदेश महिला फुटबाल टीम का कप्तान बन गई। अब वह खेल के मैदान में अपने सहयोगी खिलाडिय़ों को भी बेहतर प्रदर्शन के लिए टिप्स देती है। इन दिनों प्रदेश स्तरीय टीम के साथ तेलंगाना में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने गई है।
'शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन, अब फुटबाल ही मेरा जीवन है, मेरी सांस है। मैं चाहती हूं कि दुनिया में मशहूर खिलाडिय़ों के साथ मेरा नाम लिया जाए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैं अपने देश का नाम रोशन कर सकूं यही मेरा सपना है।- अंकिता मल्ल