रंगनाथ मिश्र भी नहीं आए
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड घोटाले के आरोपों से घिरे पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र को बुधवार को जांच एजेंसी कोआपरेटिव सेल की एसआइबी ने तलब किया था, लेकिन मिश्र जांच एजेंसी के सामने नहीं आए। उनके अधिवक्ता ने उन पर लगे आरोपों का दस्तावेज मांगा, जिसे देने से एसआइबी ने इन्कार कर दिया। इसके बाद उनके उपस्थित होने के लिए समय की मांग की। एसआइबी ने उनके लिए दो नवंबर तिथि तय की है।
घोटाले के आरोपी प्रवीण सिंह राठौर ने कुछ दिन पूर्व रिमांड के दौरान एसआइबी को बताया था कि उसने लैकफेड को काम देने के एवज में पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र को कमीशन दिया था। इस आरोप के बाद एसआइबी ने मिश्र को बुधवार को तलब किया था। इसके पूर्व एसआइबी ने अभिसूचना संकलन में पाया कि रंगनाथ मिश्र और तत्कालीन सचिव के दबाव पर 25 प्राथमिक विद्यालयों के अपग्रेडेशन का कार्य लैकफेड को दिया गया। इसमें करीब 14 करोड़ रुपये निर्माण एजेंसी को दिए गए, लेकिन निर्माण कार्य बेहद घटिया हुए और धनराशि लैकफेड के अभियंताओं और तत्कालीन मंत्री और सचिव के बीच बांट ली गई। यद्यपि एसआइबी ने पूछताछ के लिए सचिव को नोटिस नहीं दी थी, लेकिन रंगनाथ मिश्र ने भी एसआइबी के सामने आने की बजाय उच्च न्यायालय के तीन अधिवक्ताओं को भेज दिया। अधिवक्ताओं ने पहले तो नोटिस ही समाप्त करने का दबाव बनाया लेकिन एसआइबी के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रकाश गंगवार ने उन्हें बताया कि यह समाप्त नहीं की जा सकती। इसके बाद अधिवक्ता पूर्व मंत्री पर लगाए गए आरोपों से संबंधित दस्तावेजों की मांग करने लगे। गंगवार ने कोई भी दस्तावेज सार्वजनिक करने से इन्कार कर दिया। फिर अधिवक्ताओं ने मौका मांगा। इस पर उन्हें दो नवंबर को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
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