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वाराणसी में 77 की दावेदारी, ईवीएम से वोटिंग पर संशय

लखनऊ। देश की सर्वाधिक चर्चित वाराणसी संसदीय सीट में गुरुवार को दर्ज हुए एक आकड़े ने निर्वाच

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 06:49 PM (IST)
वाराणसी में 77 की दावेदारी, ईवीएम से वोटिंग पर संशय

लखनऊ। देश की सर्वाधिक चर्चित वाराणसी संसदीय सीट में गुरुवार को दर्ज हुए एक आकड़े ने निर्वाचन आयोग के समक्ष इतिहास में लौटने जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। नामाकन के अंतिम दिन तक कुल 77 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा। यह संख्या चार ईवीएम की वोटिंग के मानक 64 (नोटा समेत) से कहीं अधिक हो गई। इतनी अधिक संख्या में उम्मीदवारों की दावेदारी के चलते ईवीएम से वोटिंग कराने पर संशय खड़ा हो गया है। हालाकि अभी पचरें की जाच व नाम वापसी पर निर्वाचन आयोग की निगाह टिकी है।

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चार ईवीएम का ही प्रयोग

वजह यह कि भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक अधिकतम चार ईवीएम एक बूथ पर लगाई जा सकती हैं। प्रत्येक ईवीएम में 16 प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न (नोटा सहित) मौजूद होते हैं। इस तरह से देखा जाए तो चार ईवीएम को लगा देने पर भी कुल 64 प्रत्याशियों के लिए मतदान हो सकता है। इसके विपरीत वाराणसी संसदीय सीट से 77 प्रत्याशियों के नामाकन से निर्वाचन आयोग के समक्ष असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नामाकन के अंतिम दिन गुरुवार को 37 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा जबकि इससे पहले 40 का नामाकन हो चुका। इसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे या फिर नामाकन करने की होड़ से जोड़कर देखा जा रहा है।

तो फिर बैलेट पेपर ही विकल्प

ऐसे में यदि वाराणसी संसदीय सीट पर सभी प्रत्याशियों की दावेदारी बरकरार रही तो जानकार बताते हैं कि एक ही विकल्प बचता है कि पुराने तरीके बैलेट पेपर का इस्तेमाल करते हुए मतदान कराया जाएगा। इस तरह से बैलेट पेपर की छपाई के लिए न केवल टेंडर करना होगा बल्कि 12 मई को मतदान की तिथि बदलने पर भी विचार करना होगा। हालाकि प्रशासन की कोशिश होगी कि यह नौबत ही न आने पाए। यह स्थिति तो पर्चे की जाच और नाम वापसी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

उम्मीद अभी शेष

जिला निर्वाचन अधिकारी प्राजल यादव वाराणसी संसदीय सीट से 77 उम्मीदवारों के पर्चा भरने के बाद भी अभी ईवीएम से वोटिंग की उम्मीद बाकी है। वजह यह कि 25 अप्रैल को नामाकन पत्रों की जाच होनी है और 28 अप्रैल तक नाम वापसी की अंतिम मियाद है। इन दोनों विकल्पों के बाद भी यदि उम्मीदवारों की संख्या निर्धारित मानक के भीतर नहीं आई तो आयोग का निर्देश मिलने पर बैलेट पेपर से मतदान कराने के विकल्प पर विचार होगा।


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