ट्रांस गोमती और सिस गोमती में बंटा लेसा
जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी की बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बुधवार को अहम फैसला हुआ। मध्य
जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी की बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बुधवार को अहम फैसला हुआ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक में लेसा को ट्रांस गोमती और सिस गोमती में बांट दिया गया। इस नई व्यवस्था से 8.50 लाख बिजली उपभोक्ताओं की मॉनीट¨रग बेहतर तरीके से हो सकेगी। खास बात होगी कि ट्रांस गोमती व सिस गोमती में अलग अलग मुख्य अभियंता होंगे।
वर्तमान में एक मुख्य अभियंता को ट्रांस गोमती व सिस गोमती के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों की भी बिजली व्यवस्था देखनी पड़ रही है। इससे मुख्य अभियंता पर काम का दबाव जहां ज्यादा है वहीं मानीट¨रग भी बेहतर तरीके से करने में दिक्कत आ रही है। इसके चलते पॉवर कॉरपोरेशन ने लेसा को दो भागों में बांटने का निर्णय किया था। बुधवार को बोर्ड मीटिंग से भी इस पर मोहर लग गई। अभियंताओं के मुताबिक इस नई व्यवस्था से बिजली उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा और इसके बेहतर नतीजे आगामी डेढ़ से दो माह में दिखने लगेंगे।
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मुख्य अभियंता कार्यालय बदलेगा
वर्तमान में मुख्य अभियंता गोखले मार्ग स्थित मुख्यालय में बैठते हैं। दो भागों में बंटने के बाद इनके कार्यालय भी ट्रांस गोमती व सिस गोमती में होंगे। अभियंताओं के मुताबिक ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता का कार्यालय गोमती नगर के विभूति खंड और सिस गोमती के मुख्य अभियंता का पता गोखले मार्ग ही रह सकता है।
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नए चीफ का होगा इंतजार
वर्तमान में एक चीफ पूरे लखनऊ की बिजली व्यवस्था संभाल रहे हैं। अब एक और मुख्य अभियंता की जरूरत होगी। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तय करेंगे कि नया मुख्य अभियंता कौन होगा। इस पर भी निर्णय होगा वर्तमान के मुख्य अभियंता को किस क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जाए।
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अभी क्या है व्यवस्था
- कुल उपभोक्ता 8.50 लाख
- सर्किल : 10 (एक कंस्ट्रक्शन)
- वितरण खंड : 26
- परीक्षण खंड : 10
- निर्माण खंड : 4
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कुछ इस तरह बंटा लेसा
ट्रांस गोमती : सर्किल एक, तीन, सात व आठ के अंतर्गत आने वाले खंड रहेंगे। इनमें वितरण खंड हुसैनगंज, राजभवन, अमीनाबाद, ऐशबाग, अपट्रान, राजाजीपुरम, रेजीडेंसी, चौक, आलमबाग, ठाकुरगंज, कानपुर रोड और सर्किल चार के सेस एवं व तीन खंड शामिल होंगे।
सिस गोमती : सर्किल दो, तीन, छह, नौ व दस हैं। इनमें गोमती नगर, चिनहट, मुंशी पुलिया, इंदिरा नगर, बख्शी का तालाब, डालीगंज, रहीमनगर के अलावा वृंदावन, सेस दो व चार खंड है।
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मध्यांचल के अन्य जिलों में होगा सुधार
मध्यांचल के अन्य जिलों में बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 39 डिविजन और आठ सर्किल बनाए जाएंगे। इन्हें बहराइच, रायबरेली, लखीमपुर, उन्नाव सहित कई जिलों में बनाने पर स्वीकृति मिल गई है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बैठक में उक्त कार्यो के लिए भी सहमति बन गई।