एक सीट के लिए पूरी रात काली
केस एक : आलमबाग के जयप्रकाश नगर निवासी कुलभूषण शर्मा को पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई जाना है। वह दो दिन
केस एक : आलमबाग के जयप्रकाश नगर निवासी कुलभूषण शर्मा को पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई जाना है। वह दो दिन से रोजाना तत्काल कोटे की लाइन लग रहे हैं। शुक्रवार को भी जब पहला नंबर होने पर रिजर्वेशन नहीं मिला तो उन्होंने शनिवार का नंबर शुक्रवार को ही लगा दिया।
केस दो : आलमनगर आरक्षण केंद्र पर राजाजीपुरम एफ ब्लाक के रहने वाले सौम्य प्रसाद भी तीन दिन से लाइन लगा रहे हैं। अगले दिन का आरक्षण कराने के लिए उन्होंने भी शुक्रवार को अपना नंबर लगा दिया। जबकि रात को अपना नंबर देखने के लिए वह आरक्षण केंद्र पर डटे रहे।
लखनऊ : एक सीट के खातिर रोजाना सैकड़ों यात्री शहर के सभी आरक्षण केंद्रों पर सुबह से लेकर रात तक इसी तरह परेशान हो रहे हैं। कोई एक दिन पहले दोपहर से आरक्षण केंद्र पहुंचकर अगले दिन का तत्काल कोटे का आरक्षण लेने के प्रयास में जुट रहा है, तो कोई देर शाम आकर सारी रात आरक्षण केंद्रों पर गुजार रहा है। आरक्षण केंद्रों पर भी इन दिनों इसका असर दिखायी दे रहा है। तत्काल कोटे के लिए लंबी लाइन लग रही है।
दरअसल देश भर में रोजाना करीब 10 लाख आरक्षित श्रेणी के टिकट बनते हैं। इसमें अब 60 प्रतिशत से अधिक टिकट भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर बनते हैं। इस कारण मई के महीने तक आरक्षण केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। लेकिन गर्मी की भीड़ के चलते तत्काल कोटे की मारामारी फिर शुरू हो गई है। जिन आरक्षण केंद्रों पर रोजाना एसी के चार से छह फार्म मिल रहे थे, वहां अब इनकी संख्या बढ़कर 30 से 40 तक पहुंच गई है। स्लीपर क्लास के लिए भी चारबाग स्टेशन पर ही 60 तक आवेदन फार्म वितरित हो रहे हैं। हालांकि इनके बीच दलाल भी इसका फायदा उठाने से नहीं चूक रहे। दलाल कई छोटे आरक्षण केंद्रों पर खुद अपनी एक लिस्ट बना रहे हैं, जहां वह पहले अपना ही नाम लिखकर काउंटर का पहला नंबर हथिया रहे हैं।
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हर आरक्षण केंद्र की अलग स्थिति
चारबाग आरक्षण केंद्र पर अगले दिन के तत्काल के लिए एक दिन पहले ही सुबह 10 बजे लिस्ट बन जाती है। महिलाओं के लिए अलग नंबर लगता है। जीआरपी और आरपीएफ के कुछ सिपाही लोगों को पहला नंबर दिलवाने के लिए खुद ही अपना नाम लिस्ट में सबसे पहले लिख देते हैं। लोग शाम को लिस्ट के साथ तत्काल कोटे के आरक्षण के लिए बैठ जाते हैं। वहीं आलमनगर स्टेशन पर भी सुबह लिस्ट बनती है और देर रात तक लोग अपना नंबर लगा देते हैं। मानकनगर स्टेशन पर लिस्ट के साथ ईट लगाई जाती है। सुबह करीब चार बजे से यहां लोग खुद ही लाइन में लग जाते हैं। ऐशबाग, लखनऊ सिटी और डालीगंज स्टेशनों के आरक्षण केंद्रों पर दलालों के कब्जे में लिस्ट रहती है। यहां रात भर दलाल ही लाइन भी लगते हैं। जबकि बादशाहनगर स्टेशन और गोमतीनगर स्टेशन के आरक्षण केंद्रों पर रेलवे ने सख्त पहरा लगा रखा है। यहां हर आने वाले व्यक्ति पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।