पूर्व सैनिकों की दिक्कतें दूर करेगी हेल्पलाइन
जागरण संवाददाता, लखनऊ : ऐसे पूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त सैन्य अफसर जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है
जागरण संवाददाता, लखनऊ : ऐसे पूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त सैन्य अफसर जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उनको अस्पताल में भर्ती होने पर उनकी देखरेख का जिम्मा अब पूर्व सैनिक कल्याण निगम उठाएगा। इतना ही नहीं यदि किसी कारणवश उनका देहांत हो जाता है तो उनका अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी निगम ही करेगा। देश में इस अनूठी पहल की शुरुआत शुक्रवार को हो गई। प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सैनिक कल्याण अनिल राजभर ने 24 घंटे काम करने वाली टोलफ्री नंबर वाली हेल्पलाइन और निश्शुल्क एंबुलेंस की सुविधा की शुरुआत लखनऊ में की।
पूर्व सैनिकों को अपने पेंशन, सैनिक कल्याण निदेशालय से आश्रितों को मिलने वाले प्रमाण पत्रों सहित कई तरह की समस्याओं को लेकर लखनऊ आना पड़ता है। डिस्चार्ज बुक सहित अन्य सभी समस्याओं के निवारण में लिए सैनिक कल्याण विभाग ने एक केंद्रीकृत व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था। मंत्री अनिल राजभर ने पूर्व सैनिक कल्याण निगम को एक हेल्पलाइन बनाने को कहा था। उसके साथ एंबुलेंस व्यवस्था जोड़ने का प्रस्ताव मांगा था। हेल्पलाइन केवल शिकायतों के निवारण तक सीमित न रहे, इसके लिए उसमें पूर्व सैनिकों को अन्य सहायता देने की व्यवस्था भी की गई।
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ऐसे काम करेगी हेल्पलाइन
पूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त सैन्य अफसर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-274-1800 पर किसी भी समय फोन कर सकते हैं। इस नंबर पर फोन कर वह एंबुलेंस भी मांग सकते हैं। मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि जल्द ही पूर्व सैनिक कल्याण निगम के सभी 12 रीजनल ऑफिस में भी यह एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी। हेल्पलाइन की जिम्मेदारी अवकाश प्राप्त कर्नल हर्ष नागर एजीएम (एचआर), अवकाश प्राप्त कर्नल सत्येंद्र नेगी एजीएम (वित्त) को दी गई है।
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इसलिए हुई शुरुआत
मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि पिछले दिनों एक सेवानिवृत्त विंग कमांडर की तबियत बहुत बिगड़ गयी थी। उनको कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देश की आजीवन रक्षा करने वाले इस अफसर के पास उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इसकी सूचना मिली तो निगम से पूर्व सैनिकों को मदद के लिए भेजा गया। लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार भी निगम ने कराया। तभी यह विचार आया कि एक ऐसी व्यवस्था लागू की जाए जिसमें देश के जांबाजों की हर संभव मदद की जा सके।
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नवगठित जिले की समस्या
इस मौके पर कुछ पूर्व सैनिकों ने मंत्री अनिल राजभर को बताया कि नवगठित जिलों के कारण सेवानिवृत्त हो रहे पूर्व सैनिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जब वह सेना में भर्ती हुए तो पुराने जिले थे, लेकिन बाद में नया जिला बना तो उनका जिला बदल गया। जबकि सेना के सर्विस रिकॉर्ड में नए जिले का ब्यौरा ही दर्ज नहीं है। ऐसे में सेवानिवृत्ति पुराने जिले के अनुसार हो रही है। जिससे सैनिक कल्याण विभाग में डिस्चार्ज बुक के पंजीकरण में समस्या सामने आ रही है।
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होगा हर तरफ विकास
इस मौके पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद उनको दोबारा रोजगार दिलाने के लिए सरकार तत्पर है। आज पूर्व सैनिक कल्याण निगम 18500 पूर्व सैनिकों को दोबारा नौकरी दिला रहा है। केजीएमयू सहित प्रदेश के कई बड़े विभाग पूर्व सैनिकों की मांग कर रहे हैं। इनकी क्षमता और बढ़ाई जाएगी। इस मौके पर राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर अमूल्य मोहन सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।