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ज्यादा गर्म होते हैं आज के घर मौसम तो गर्म हो ही रहा है लेकिन आज जो घर बन रहे हैं वह भी गर्मी ज्य
ज्यादा गर्म होते हैं आज के घर
मौसम तो गर्म हो ही रहा है लेकिन आज जो घर बन रहे हैं वह भी गर्मी ज्यादा अवशोषित करते हैं। राजकीय निर्माण निगम के चीफ आर्कीटेक्ट केके अस्थाना बताते हैं कि आज आरसीसी की छत पड़ती है जो कि पतली होती है। पहले की छतें मोटी होती थीं। उसपर चार-पांच इंच मिट्टी की तह डाली जाती थी। यह इंसुलेशन का काम करती थी। खिड़कियां जरूरत के मुताबिक छोटी होती थीं और ऊपर रोशनदान होते थे। गर्म हवाएं रोशनदान से बाहर निकल जाती थीं जिससे कमरा ठंडा रहता था। छतें ही नहीं दीवारें भी पतली बन रही हैं जो जल्द गर्म हो जाती हैं और रेडिएशन के कारण कमरा गर्म रहता है।
अस्थाना बताते हैं कि बिल्डिंग बनाने में शीशे का इस्तेमाल अधिक किया जाता है इससे रेडिएशन ज्यादा होता है। हालांकि अब ऐसे शीशे आने लगे हैं जो कम गर्म होते हैं लेकिन वह काफी महंगे होते हैं। कई जगह कैविटी वॉल बनाई जा रही हैं और कैविटी ईंट का भी प्रयोग किया जा रहा है। राजधानी में शनिदेव मंदिर निर्माण में भी ऐसी ही ईंट का प्रयोग हो रहा है।
इलाके जो सुकून देते थे
कैसरबाग बारादरी, कैंट, यूनीवर्सिटी रोड, एचएएल, सीतापुर रोड, लोहिया पार्क