अक्षय तृतीया पर होगी शादियों की धूम
लखनऊ : अक्षय तृतीया 28 अप्रैल को पड़ रही है। शुभ लग्न होने की वजह से इस दिन राजधानी में शादियों की धू
लखनऊ : अक्षय तृतीया 28 अप्रैल को पड़ रही है। शुभ लग्न होने की वजह से इस दिन राजधानी में शादियों की धूम होगी। बैंड मास्टर तैयार हैं तो शादी घर भी फुल हो चुके हैं। इस दिन खरीदारी करने की भी मान्यता होने से बाजार सज चुके हैं। सोने चांदी की खरीदारी होने की वजह से सराफा बाजार विशेष तैयारियों में जुटा है।
इसी दिन भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई जाएगी। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि 28 अप्रैल को सुबह 10 बजे से अक्षय तृतीया लग जाएगी, जो 29 को सुबह सात बजे तक रहेगी। मध्याह्न योग के कारण शुक्रवार को ही परशुराम जयंती मनाई जाएगी। दोनों दिन खरीदारी की जा सकेगी। भगवान परशुराम की जयंती के दिन शादी विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। शनिवार को उदया तिथि के चलते इस दिन भी शादियां होंगी। बैंड मास्टर गौरव ने बताया कि इस दिन राजधानी में डेढ़ से 200 शादियां होंगी। एक बैंड पार्टी के पास दो से तीन बुकिंग है। 29 को भी शादियां होंगी। अक्षय तृतीया के दिन धातु के आभूषण खरीदने की परंपरा है। सोना-चांदी, हीरे के आभूषणों के साथ जमीन, खेत, प्रापर्टी, मकान, कार, बाइक, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान भी इस दिन खरीदे जाते हैं।
इसलिए खास है तृतीया
आचार्य प्रदीप तिवारी के मुताबिक द्वापर युग में वैशाख शुक्ल तृतीया को जब भगवान परशुराम का अवतार हुआ तब छह ग्रह उच्च राशि में थे। भगवान परशुराम के अवतार के समय पुनर्वसु नक्षत्र था। उनका गोत्र जमदग्नि था। इस तिथि को ईश्वर की तिथि की संज्ञा दी गई है।
कभी क्षय नहीं होता दान-पुण्य
पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि इस दिन किए गए दान पुण्य का कभी क्षय नहीं होता। मान्यता है कि इसी दिन से त्रेतायुग का शुभारंभ हुआ था। इसीलिए इसे युगाब्दि तृतीया भी कहा जाता है। इस दिन किया गया जप, तप, दान, धर्म का पुण्य कभी भी नष्ट नहीं होता। किसी भी वस्तु का नाश न हो इसलिए अक्षय तृतीया मनाई जाती है। परंपराओं के अनुसार, चार धामों में से एक श्री बद्रीनारायण के पट इसी दिन खुलते है। वृंदावन में बांके बिहारी के चरणों के दर्शन भी साल में एक बार इसी दिन होते है। भविष्य पुराण के मुताबिक, अक्षय तृतीया को पुण्य तिथि भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान विशेष फल देता है। सुबह स्नान के बाद भगवान नारायण का पूजन करने के बाद जल से भरा घटदान-कुंभदान करना चाहिए। इस दिन परिवार की महिलाएं विशेष व्रत-पूजन से परिवार में सिद्धि लाती है।