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सार्थक बदलाव के लिए पहल की जरूरत

लखनऊ : पर्यावरण में आई खराबी और प्रदूषण के जिम्मेदार हम स्वयं हैं। मगर हम सभी में एक ऐसा बीज है, जिस

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 09:13 PM (IST)
सार्थक बदलाव के लिए पहल की जरूरत
सार्थक बदलाव के लिए पहल की जरूरत

लखनऊ : पर्यावरण में आई खराबी और प्रदूषण के जिम्मेदार हम स्वयं हैं। मगर हम सभी में एक ऐसा बीज है, जिसके अंकुरित होने मात्र से पर्यावरण की खामियां दूर की जा सकती हैं। जरूरत है पहल करने और एकजुट होने की। कुछ ऐसे ही विचार लामार्टिनियर ग‌र्ल्स कॉलेज में आयोजित प्रदर्शनी में वक्ताओं ने रखे।

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मंगलवार को लामार्टिनियर ग‌र्ल्स कॉलेज में बीएसजी और यूनाईटेड नेशन से मान्यता प्राप्त शांति, संस्कृति और शिक्षा सरोकार से जुड़ी संस्था एसजीआइ की ओर से सीड्स ऑफ होप विषय पर प्रदर्शनी आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एनबीआरआइ के निदेशक प्रो. एसके बारिक ने कहा कि निजी आवश्यकताओं के चलते प्रकृति से खिलवाड़ करना गलत है। हर किसी को प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने की सोच कायम करनी चाहिए। अन्यथा मानव जीवन को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। बीएसजी चेयरपर्सन विशेष गुप्ता ने कहा कि हम भविष्य के संसाधनों को अपनी निजी आवश्यकताओं के लिए बर्बाद कर रहे हैं। जीव संरक्षण, मानवाधिकारों समेत अन्य वैश्रि्वक समस्याओं के निराकरण की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। सीड्स ऑफ होप हमें उम्मीद और साहस की यात्रा की ओर ले जाती है। वह बोले, एक भी व्यक्ति यदि सारी कठिनाइयों को पार कर बदलाव के लिए उम्मीद और साहस के साथ खड़ा होता है, उसी समय से वह धरती के कष्ट हटाने का माध्यम बन जाता है। आइआइएम के बिजनेस सस्टेनेबिलिटी विभाग के प्रो. सुशील कुमार ने शिक्षा के साथ समाज से ताल्लुक रखने वाले हर क्षेत्र में जीवन मूल्यों और सरोकार को बनाए रखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा अच्छी सोच सब कुछ ठीक कर सकती है बस पहल करने की जरूरत है।

प्रदर्शनी से हर किसी को मिली ऊर्जा

प्रदर्शनी में जल संरक्षण की दिशा में राजस्थान के जोहाड़ गांव में सराहनीय प्रयास करने वाले राजेंद्र सिंह को नजीर के रूप में दर्शाया गया। राजेंद्र की दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा रहा कि मरुस्थलीय प्रदेश के 1700 गांवों में पानी की समस्या दूर हो गई। इसी तरह टोक्यो के शिक्षक हिरोकी ताकेदा द्वारा भेदभाव के खिलाफ उठाए गए कदम को प्रदर्शनी के जरिए लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। उन्होंने चुनौतियों का डटकर सामना किया और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का काम किया। इंग्लैंड की जेआने वाइल्क्स भी प्रदर्शनी के जरिए सकारात्मक सोच की नजीर रही। जेआने ने मैनचेस्टर के मौस साइड में व्याप्त अपराधों पर प्रेम और सौहार्द से जीत हासिल की। वहां अपराध खत्म हो गया और लोग रोजाना शाम को होने वाली पार्टी में एक साथ शामिल होते हैं। प्रदर्शनी में मानवाधिकार, वैश्रि्वक संकट व अन्य समस्याओं पर सरलता से जीत हासिल करने की प्रस्तुति दिखी।


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