जीतने के लिए लड़ते रहें, कभी हार न मानें
लखनऊ : हमेशा जीतने के लिए लड़ते रहें, चाहे जीवन की कोई भी लड़ाई हो क्योंकि हार तभी होती है, जब आप उसे
लखनऊ : हमेशा जीतने के लिए लड़ते रहें, चाहे जीवन की कोई भी लड़ाई हो क्योंकि हार तभी होती है, जब आप उसे स्वीकार कर लेते हैं। आप राजनीतिक पार्टियों के बीच चुनावी उठा पटक से इसे आसानी से सीख सकते हैं। यह विचार भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. आशोक कुमार लाहिरी ने व्यक्त किए। वह सोमवार को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों व शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
दीक्षांत समारोह में 245 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। इसमें 13 मेधावियों को पदक दिए गए। सबसे प्रतिष्ठित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती गोल्ड मेडल बीए अरेबिक के छात्र इकरार हुसैन को दिया गया। चांसलर गोल्ड मेडल बीसीए की छात्रा निदा खान को मिला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार लाहिरी ने कहा कि 'हिम्मते मर्दा, मददे खुदा' यानी आप हिम्मत दिखाएं तो खुदा भी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि मर्द शब्द भले ही पुरुषों के लिए हो, लेकिन हिम्मत शब्द तो सभी के लिए एक समान है। यानि कोई भी हिम्मत के दम पर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जीत उसी की होती है जिसे कोई भ्रम नहीं होता। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अब आप सभी 18 वर्ष से ऊपर के हैं। ऐसे में आप राजनीति समझते होंगे। कांग्रेस पार्टी वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी। कोई नहीं कहता था कि वह वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतेगी। इसी तरह भाजपा को वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में मात्र चार सीटें मिली और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे पूर्ण बहुमत मिला। भारत में प्रति व्यक्ति आय, साक्षरता व जीवन यापन के लिए जरूरी सुविधाएं बढ़ रही हैं। अब राजनीतिक चेतना भी लोगों में ज्यादा है। हाल में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा व सपा ने अपने घोषणा पत्र में 24 घंटे बिजली, शौचालय व अच्छी सड़क का वादा किया। अब जनता जागरूक हो गई है। वह देखती है कि जीतने वाली पार्टी ने चुनाव के समय किए गए वादे पूरे किए या नहीं।
¨हदू रेट ऑफ ग्रोथ को बढ़ाएगी भाजपा
डॉ.अशोक कुमार लाहिरी ने कहा कि प्रो. बाबू राज कृष्णा द्वारा दी गई थ्योरी के अनुसार भारत की आबादी के हिसाब से ¨हदुओं का रेट आफ ग्रोथ ज्यादा होना चाहिए था, लेकिन ¨हदू रेट ऑफ ग्रोथ इस समय केवल 3.5 प्रतिशत ही है। अब उम्मीद है कि सत्ताधारी भाजपा इसे बढ़ाकर आठ से दस प्रतिशत के आसपास ले जाएगी। भाजपा ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया है। जबकि ¨हदुओं में अनुसूचित जाति व जनजाति की स्थिति अच्छी नहीं हैं।
यूपी को बीमारू राज्य से उबारें, टॉप 100 में शामिल हों यहां की यूनिवर्सिटी
यूपी में नई सरकार के सामने चुनौती है कि वह इसे बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारें। वर्ष 2016 में विश्व की टॉप 100 यूनिवर्सिटी में भारत की आठ यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन इसमें से एक भी उत्तर प्रदेश से नहीं है। जबकि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी वर्ष 1887 में स्थापित हुई थी। यह इंडिया की चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है। इसे ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था। ऐसे में यूपी की यूनिवर्सिटी के खोए हुए गौरव को वापस लाया जाए।
इन्हें मिले मेडल :
- इकरार हुसैन ख्वाजा, बीए अरेबिक मोईनुद्दीन चिश्ती गोल्ड मेडल
- निदा खान, बीसीए कुलाधिपति गोल्ड मेडल व साइंस फैकल्टी की बेस्ट छात्रा का गोल्ड मेडल
- मोहम्मद हारून, वाइस चांसलर गोल्ड मेडल
- सफीना जहरा, एमए उर्दू, गोल्ड मेडल फॉर पीजी इन फैकल्टी ऑफ आर्ट्स
- हितेश सिंह, एमए-जेएमसी, गोल्ड मेडल फॉर पीजी इन फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस
- अहमद नकीब, एमबीए, गोल्ड मेडल फॉर पीजी इन फैकल्टी ऑफ कॉमर्स
- मोहम्मद हारून, बीए अरेबिक, गोल्ड मेडल फॉर अंडर ग्रेजुएट इन फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस
- सुनेहा यादव, बीए भूगोल, गोल्ड मेडल फॉर अंडर ग्रेजुएट इन फैकल्टी ऑफ आर्ट्स
- सोनू साहू, बीबीए, गोल्ड मेडल अंडर ग्रेजुएट इन फैकल्टी ऑफ कॉमर्स
- अफसाना खातून, बीए ऑनर्स पर्शियन, गोल्ड मेडल
- मोहम्मद फुकरान आलम, बीए उर्दू, गोल्ड मेडल
- मोहम्मद उमर बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स, गोल्ड मेडल