अल्टीमेटम खत्म, केंद्रों में नहीं पहुंचे कक्ष निरीक्षक
लखनऊ : राजधानी में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मजाक बन कर रह गई हैं। परीक्षाएं शुरू हुए दस दिन बीतने को
लखनऊ : राजधानी में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मजाक बन कर रह गई हैं। परीक्षाएं शुरू हुए दस दिन बीतने को हैं, लेकिन कक्ष निरीक्षक विद्यालयों में नहीं पहुंचे। शिक्षा विभाग की चेतावनी व अल्टीमेटम बेअसर हैं और स्कूल संचालक कक्ष निरीक्षण की ड्यूटी के लिए नामित शिक्षकों को रिलीव नहीं कर रहे। विभाग की ओर से भी कार्रवाई महज चेतावनी तक सिमटी है। यही नहीं कक्ष निरीक्षण कार्य में फर्जी शिक्षक घुस गए हैं और नकल करा रहे हैं। बीते दिनों परीक्षाओं में खुद शिक्षा विभाग के उड़ाका दल ही ऐसे शिक्षकों को नकल कराने के आरोप में पकड़ चुके हैं।
मालूम हो कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 16 मार्च से चालू हैं। कक्ष निरीक्षकों के अभाव में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की ¨हदी, गणित व विज्ञान विषय की महत्वपूर्ण परीक्षाएं जैसे -तैसे निपटाई गई। बावजूद इसके करीब एक सैकड़ा विद्यालयों द्वारा अपने 250 कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा के लिए छोड़ा जाना मुनासिब नहीं समझा गया। वहीं दूसरी ओर विभाग की ओर से पहले नोटिस पर नोटिस जारी हुई। फिर अल्टीमेटम पर अल्टीमेटम। मगर विद्यालयों ने अपना अडि़यल रवैया कायम रखा। इसी का नतीजा रहा कि परीक्षा प्रारंभ होने के 10 दिन बात तक कक्ष निरीक्षकों का टोटा बरकरार है। इसका सीधा असर बोर्ड परीक्षा की शुचिता पर पड़ा है।
समान विषय के शिक्षक करा रहे परीक्षा
कक्ष निरीक्षकों को लेकर विभाग के ही ढुलमुल रवैये का नतीजा है कि विद्यालय समान विषय के शिक्षकों से परीक्षा करा रहे हैं, जो नकल के लिए अब तक का सबसे महफूज विकल्प साबित हुआ है। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान समान विषय के शिक्षकों द्वारा मौखिक, लिखित व सांकेतिक मदद दी जा रही है। हाल ही में आवासीय इंटर कॉलेज, विराटनगर आलमबाग में कक्ष निरीक्षक की जेब से मिली नकल सामग्री उस का एक उदाहरण मात्र है।
सैकड़ों नदारद, पर कार्रवाई एक पर
बोर्ड परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षकों का जबरदस्त टोटा है। सैकड़ों कक्ष निरीक्षकों ने दस दिन बीतने के बाद भी संबंधित विद्यालय (परीक्षा केंद्र) पर ज्वाइन नहीं किया है। बावजूद इसके विभाग सख्त कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। औपचारिकता के लिए विभाग द्वारा महज एक कक्ष निरीक्षक पर कार्रवाइ की गई। बीकेटी इंटर कॉलेज के प्रवक्ता कैलाश चंद्र की कुम्हरांवा इंटर कॉलेज में ड्यूटी लगाई गई थी। जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने बताया कि बिना किसी सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित होने पर उनके एक वर्ष के वेतनवृद्धि पर रोक लगा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार काम में बाधा पहुंचाने संबंधी मामले में भी कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड से मान्यता प्रत्याहरण की भी संस्तुति की गई है।