Move to Jagran APP

अप्रैल में पड़ सकता है कामगारों के निवाले पर संकट

लखनऊ : निर्माण स्थलों पर काम करने वाले पंजीकृत मजदूरों को 10 रुपये में भोजन उपलब्ध कराने की एमडीएम य

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 06:25 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 06:25 PM (IST)
अप्रैल में पड़ सकता है कामगारों के निवाले पर संकट
अप्रैल में पड़ सकता है कामगारों के निवाले पर संकट

लखनऊ : निर्माण स्थलों पर काम करने वाले पंजीकृत मजदूरों को 10 रुपये में भोजन उपलब्ध कराने की एमडीएम योजना पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट 17 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसे विस्तार देने के लिए एमओयू नए सिरे से कराना होगा।

loksabha election banner

पिछली सपा सरकार ने 22 जनवरी 2016 को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ में काम कर रहे पंजीकृत मजदूरों को 10 रुपये में दोपहर का भोजन उनके कार्यस्थल पर मुहैया कराने का एमओयू किया था। इस योजना की शुरुआत अवध विहार योजना के 125 श्रमिकों के लिए 18 अप्रैल 2016 से शुरू हुई थी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक साल के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) को एमडीएम का जिम्मा दिया गया। चिनहट के बेस किचन में तैयार खाना दोपहर को श्रमिकों को उनके कार्यस्थल पर पहुंचाने के लिए आइआरसीटीसी ने अपने कर्मचारियों की तैनाती की थी। भोजन के बदले मजदूर को केवल 10 रुपये देना पड़ता है, जबकि 1200 कैलोरी खाने की लागत 40.48 रुपये आती है। शेष राशि उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड आइआरसीटीसी को देता है। इस समय आठ निर्माण स्थलों पर प्रतिदिन लगभग एक हजार मजदूरों को यह भोजन उपलब्ध कराया जाता है। आइआरसीटीसी ने 17 अप्रैल को समाप्त हो रहे अनुबंध को लंबी अवधि तक बरकरार रखने के लिए शासन को पत्र लिखा है। आइआरसीटीसी को हाल ही में रेलवे से नई खानपान नीति के तहत ट्रेनों और स्टेशनों में खानपान मुहैया कराने का जिम्मा मिला है। इस नीति में रेलवे से अलग दूसरी यूनिट में नई सेवा उपलब्ध कराने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में आइआरसीटीसी प्रबंधन ने शासन को पत्र लिखकर कहा है कि यदि वह चाहे तो लंबी अवधि का करार कर एमडीएम योजना को आगे भी चालू रख सकता है। कम समय का एमओयू पर आइआरसीटीसी करार नहीं करेगी। आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्रि्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार की एमडीएम योजना का पायलट प्रोजेक्ट 17 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसे जारी रखने के लिए शासन को लंबी अवधि के करार के लिए पत्र लिखा गया है। यदि राज्य सरकार चाहेगी तो आइआरसीटीसी यह सुविधा आगे भी मुहैया कराएगी। जबकि नई खानपान नीति में अब आइआरसीटीसी को रेलवे से बाहर नई यूनिट खोलने पर रोक लग गयी है। आइआरसीटीसी के कर्मचारियों को अब ट्रेनों में तैनात किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.