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संपा : उद्यान विभाग सभी कोल्ड स्टोरेज की जांच कराएगा

- कानपुर हादसे से सबक लेते हुए कराई जाएगी जांच - क्षमता से अधिक भंडारण है मुख्य समस्या जागरण टीम

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Mar 2017 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 10:00 PM (IST)
संपा : उद्यान विभाग सभी कोल्ड स्टोरेज की जांच कराएगा
संपा : उद्यान विभाग सभी कोल्ड स्टोरेज की जांच कराएगा

- कानपुर हादसे से सबक लेते हुए कराई जाएगी जांच

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- क्षमता से अधिक भंडारण है मुख्य समस्या

जागरण टीम, लखनऊ : कानपुर में कोल्ड स्टोरेज में जो दुर्घटना हुई उससे राजधानी स्थित कोल्ड स्टोरेज संचालकों को भी सबक लेना चाहिए। स्टोरेज में चेंबरों की देखभाल के लिए कुशल और अनुभवी तकनीशियन होने चाहिए, जिससे वह किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके। इन कोल्ड स्टोरेज की समय-समय पर जांच भी की जानी चाहिए।

जिला उद्यान अधिकारी डीके वर्मा के अनुसार राजधानी में कुल 19 कोल्ड स्टोरेज हैं। ऐशबाग को छोड़कर ज्यादातर सभी कोल्ड स्टोरेज रिहायशी इलाकों से बाहर हैं। चिनहट स्थित कोल्ड स्टोरेज शहर बढ़ने से आबादी के बीच आ गया है। चूंकि राजधानी शहरी इलाका है इसलिए यहां कोल्ड स्टोरेज में मुख्य रूप से ज्यादातर फल व जिंस का ही भंडारण होता है।

उधर बख्शी का तालाब में दो तथा इटौंजा के शिवपुरी रोड और कुम्हरावा रोड पर भिखारीपुर के निकट स्थित कोल्ड स्टोरेज को मिलाकर कुल चार कोल्ड स्टोरेज हैं। उद्यान विभाग के अधिकारी इन कोल्ड स्टोरेज के चेंबर जाचने कभी-कभी ही आते हैं। यही कारण है कि यहां फिलहाल कोई घटना तो नहीं हुई लेकिन चेंबरों के गैस प्रेशर की जाच न होने से अक्सर कोल्ड स्टोरेज में रखा किसानों का आलू खराब हो जाता है। बीकेटी स्थित कोल्ड स्टोरेज में तैनात तकनीशियन अशर्फी लाल ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में परिसर में बने गैस चेंबर में लगे रिसीवर टैंक में गैस क्षमता से ज्यादा भरने से फटने का खतरा होता है। टैंक से जुड़े गैस के पाइप पर 250 पाउंड प्रेशर पर सेफ्टी वॉल्व बंधा होता है जो अधिकतम आठ सौ पाउंड प्रेशर ले सकता है। इसमें लापरवाही करने से खतरा बढ़ जाता है। साथ ही पाइप लाइन पुरानी व जर्जर होने से भी गैस लीक होने का अंदेशा रहता है। इसलिए गैस चेंबर और मशीनों की देखरेख कुशल और अनुभवी तकनीशियन को रखना जरूरी होता है। चेंबर की देखरेख 24 घटे होनी चाहिए।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.कुलदीप मिश्रा ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज से किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। इस करण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन्हें 'ग्रीन केटेगरी' में रखा गया है। बोर्ड द्वारा कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि कोल्ड स्टोरेज आबादी के बीच न हो। इनको लाइसेंस इंडस्ट्री विभाग द्वारा दिया जाता है। डॉ.मिश्रा बताते हैं कि इनमें अमोनिया गैस का इस्तेमाल होता है। यह गैस जब वायुमंडल की नमी के संपर्क में आती है तो नाइट्रिक एसिड बनाती है। अमोनिया गैसहवा से भारी होती है इसलिए जमीन से अधिकतम आठ-दस फिट ही ऊपर जा पाती है। इसके रिसाव से आंखों में जलन व पानी आने की शिकायत, गले में खराश, चक्कर आने जैसी शिकायतें होती हैं।

जिला उद्यान अधिकारी डीके वर्मा ने कहा कि समय-समय पर कोल्ड स्टोरेज की जांच की जाती है। एक बार फिर सभी कोल्ड स्टोरेज की जांच कराई जाएगी ताकि यह पता चल सके कि कहीं क्षमता से अधिक भंडारण तो नहीं किया गया है।


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