चुनाव..तो जितना लाइक उतना वोट
चुनाव स्पेशल .. सोशल मीडिया बता देता है हवा का रुख लाइक्स के आधार पर 87 फीसद तक संभव है भविष्यवा
चुनाव स्पेशल ..
सोशल मीडिया बता देता है हवा का रुख
लाइक्स के आधार पर 87 फीसद तक संभव है भविष्यवाणी
एशियन जर्नल ऑफ पॉलिटिकल साइंस के शोध का खुलासा
कुमार संजय, लखनऊ
सोशल मीडिया मतदाता का मूड भापने में काफी मददगार साबित हो सकता है। इस माध्यम में केवल माउस और स्क्रीन होता इसलिए किसी पर किसी तरह का दबाव नहीं रहता है। इस तंत्र में हर व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र होता है। फेसबुक पर वह अपने मन की बात करता है। राजनीतिक शास्त्रियों ने देखा है कि जिस दल या नेता को जितने लाइक मिलते है उसे उसी केअनुपात में काफी हद तक वोट भी मिलता है। पेज के जितने लाइक होते हैं उस दल या नेता को उसी के अधार पर वोट मिलते है। वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में फेसबुक पर लाइक पार्टी के पेज और नेता के पेज पर मिलने वाले वाले लाइक पर शोध किया तो चुनाव नजदीक आने के साथ लाइक और कमेंट करने वालों की संख्या बढ़ जाती है। एशियन जर्नल ऑफ पॉलिटिकल साइंस में प्रकाशित शोध रिपोर्ट 'विल एप्रिल फेसबुक लाइक प्रिडिक्ट द आउट कम मई जर्नल इलेक्शन' शीर्षक के शोध पत्र में वैज्ञानिकों ने कहा है कि फेसबुक लाइक के आधार पर वोट का आकलन 87 फीसद तक सही साबित हुआ। विशेषज्ञों ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में दलों के फेसबुक लाइक के आधार पर मिले वोट प्रतिशत के अनुसार गणना की। लाइक के आधार पर 87 फीसद तक मिलने वाले वोट की भविष्यवाणी की जा सकती है। देखा गया कि लाइक के आधार पर 69 फीसद तक वोट दलों को हासिल होता है। भविष्यवाणी और मिलने वाले मत में थोड़ा अतंर हो जाता है फिर भी काफी हद तक रुझान का पता लगाया जा सकता है।
सभी दलों और नेताओं के हैं पेज
संजय गाधी पीजीआइ के शोध छात्र संदीप चौधरी कहते हैं कि सभी बडे़ राजनैतिक दलों और बड़े नेताओं का फेसबुक पर पेज जिस पर वह अपनी विचारधारा रखते है। कई बार उनकी बात को पढ़ कर उनसे दिमाग जुड़ जाता है। वहीं, कई बार लगता है कि वह गलत कह रहे है। इसी आधार पर हम लाइक या डिसलाइक करते हैं। कई बार लोग कमेंट भी लिखते हैं। फेसबुक पर अखिलेश को साइकिल मिली, काग्रेस के साथ चुनाव मिल कर लड़ेंगें अखिलेश.कमेंट पर तमाम लोग साइकिल बेटा ले गया पिता पैदल। इससे कमेंट करने वालों की मन:स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है।